नई दिल्ली। फरीदाबाद के असावटी गांव स्थित एक मतदान केंद्र का वीडियो वायरल हुआ है। यहां कुल 1.39 मिनट के वीडियो में पोलिंग ऐजेंट ने 3 फर्जी वोट डाले। वो खुलेआम ईवीएम तक गया और बटन दबाए। वीडियो सामने आने के बाद पोलिंग एजेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि चुनाव आयोग यह मानने को तैयार नहीं है कि ऐजेंट ने फर्जी वोटिंग की।
पत्रकार प्रहलाद सिंह डांगरा की रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग ने बताया कि, उसे फरीदाबाद के जिला निर्वाचन अधिकारी से घटना की जानकारी मिली। आरोपी एजेंट ने कम से कम तीन महिलाओं को प्रभावित करने की कोशिश की। वायरल वीडियो में भी नजर आ रहा है कि पोलिंग एजेंट पहले मौके की तलाश में रहता है। जैसे ही महिला वोट करने के लिए जाती है तो वह उसकी पीछे-पीछे वोटिंग मशीन तक पहुंच जाता है। यहां वह अंदर ईवीएम में इशारा करता है और वापस आकर सीट पर बैठ जाता है। इसी तरह वह तीन महिलाओं के मतदान के समय वोटिंग मशीन के पास पहुंचता है।
कांग्रेस ने लगाए बूथ कैप्चरिंग के आरोप
वहां खड़े एक व्यक्ति ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद अवतार सिंह भड़ाना ने बूथ कैप्चरिंग के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन गुंडागर्दी कर रहा है। हमारी सरकार में इस तरह गुंडागर्दी नहीं हुई। भड़ाना ने बताया कि बडखल क्षेत्र के मेवला गांव, स्थित बी.एन. स्कूल, नवादा और असावटी में वोटिंग बूथों पर भाजपाईयों ने हिंसा के साथ बूथ कैप्चरिंग जैसी घटनाओं को अंजाम दिया।
सुलगते सवाल
1.39 मिनट के वीडियो में पोलिंग ऐजेंट 3 बार ईवीएम मशीन तक पहुंचा और मशीन तक हाथ ले गया।
क्यों ना यह मान लिया जाए कि उसने फर्जी वोटिंग की है।
क्यों ना यह भी मान लिया जाए कि वो जब तक बूथ के अंदर रहा, इसी तरह फर्जी वोटिंग करता रहा। औसत 2 मिनट में 3 वोट तो 8 घंटे में 500 से ज्यादा वोट होते हैं।
क्यों ना यह मान लिया जाए कि इसी तरह के प्रयोग दूसरे बूथ पर भी हुए होंगे।
पीठासीन अधिकारी के खिलाफ एफआईआर और गिरफ्तारी नहीं हुई तो क्यों ना यह मान लिया जाए कि जिला निर्वाचन अधिकारी की स्वीकृति इसमें शामिल थी।