भोपाल। यूं तो चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी एवं प्रत्याशियों के पोलिंग ऐजेंट यह सुनिश्चित करते हैं कि फर्जी मतदान ना हो परंतु कभी-कभी ऐसी स्थिति बन जाती है। जब आप वोट डालने पहुंचते हैं तो पता चलता है कि आपका वोट तो पहले से ही डाला जा चुका है। ज्यादातर लोग गुस्सा करते हुए वापस लौट जाते हैं परंतु क्या आप जानते हैं कि ऐसी स्थिति में भी आपको वोट डालने का अधिकार प्राप्त है। जानिए निविदत्त मतपत्र क्या होता है और यह किस तरह से काम में आता है।
निविदत्त मत क्या है
यदि कोई मतदाता अपने मतदान केन्द्र पर मतांकन के लिए जाता है और वहां आकर उसे पता चलता है कि उसका मत पूर्व से ही डाला जा चुका है तो पीठासीन अधिकारी उसकी पहचान के सम्बन्ध में पूछे गए प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर पाने के पश्चात् उस मतदाता को निर्वाचनों का संचालन नियम 1961 के नियम 49 के अधीन निविदत्त मतपत्र जारी करेगा। यह मतपत्र उसकी डिजाइन का होगा जैसा कि ईव्हीएम में लगाया गया है।
एरोक्रॉस मार्क सील
इस मतपत्र पर मतदाता एरोक्रॉस मार्क सील के द्वारा अपना मतांकन कर उस मतपत्र को पीठासीन अधिकारी को देगा जिसको पीठासीन अधिकारी द्वारा इस हेतु दिए गए लिफाफे में रख कर सील करेगा एवं सामग्री संग्रहण केन्द्र में जमा करेगा। समस्त पीठासीन अधिकारियों को 20-20 निविदत्त मतपत्र उपलब्ध कराए जाते हैं।