इन्दौर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने कहा है कि प्रदेश में बुन्देलखण्ड अंचल के दसवीं से बारहवीं शताब्दी तक निर्मित लगभग 1000 तालाबों को पुनर्जीवित कराया जायेगा। इसके लिए विश्व बैंक के सहयोग से तीन वर्षीय कार्य-योजना तैयार की जा रही है। अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्रीमती गौरी सिंह इस प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग कर रही हैं।
मंत्री श्री पटेल ने बताया कि बुन्देलखण्ड अंचल के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की गंभीर समस्या के स्थाई समाधान के लिये यह प्रयास किया जा रहा है। इसमें जनहित के कार्यों में रूचि रखने वाले स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने बताया कि कार्य-योजना में तालाबों के सर्वेक्षण, कम्युनिटी मोबिलाइजेशन, डीपीआर तैयार करने जैसे सभी आवश्यक कार्य ऑनलाइन किये जायेंगे।
सचिव ग्रामीण विकास श्री उमाकांत उमराव ने बताया है कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत सागर संभाग के 6 जिले सागर, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, दमोह और निवाड़ी शामिल किये गये हैं। इन जिलों में बड़ी संख्या में बुंदेला-चंदेलकालीन तालाब हैं, जो रख-रखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो रहे हैं। इन तालाबों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ पुनर्जीवित किया जायेगा।