भोपाल। राजधानी की हरियाली अनियोजित विकास की भेंट चढ़ रही है। शहर के जिन इलाकों से पेड़ काटे जा रहे हैं, उसकी भरपाई के लिए होने वाला क्षतिपूर्ति पौधरोपण उसी इलाके के बजाए शहर के बाहरी इलाकों में हो रहा है। यही कारण है कि हर साल लाखों की संख्या में क्षतिपूर्ति पौधरोपण के बावजूद शहर के अंदर हरियाली बढ़ने के बजाए घटती जा रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह शहर में तेजी से घटती खाली जमीन है, जिसके कारण नया प्लांटेशन शहर के अंदर नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि पेड़ काटने पर प्रकृति को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए अधिक पेड़ लगाने का प्रावधान है। 30 सेंटीमीटर गोलाई के पेड़ के ऐवज में 4 नए पौधे और इससे कम गोलाई के पेड़ के ऐवज में 2 नए पौधे लगाने का नियम है।
भोपाल-नरसिंगढ़ हाईवे के विस्तार के लिए 2433 पेड़ NHAI ने काटे थे। इसकी भरपाई के लिए 4 गुना यानी 9732 पौधे लगाने का दावा सीपीए ने किया है, लेकिन ये सभी पौधे 9 अलग-अलग शैक्षणिक संस्थानों के कवर्ड कैंपस में लगा दिए गए। 1300 पौधे क्राप्स ग्रिड सिग्नल रेजीमेंट परिसर में, 700 कोल्हूखेड़ी में, 1000 जय नारायण कॉलेज कैंपस में, 300 पुलिस आवास कॉलोनी संजीव नगर में, 2000 भौंरी स्थित एनआईएफडी कैंपस में, 500 उर्दू विवि परिसर, 2000 आरजीपीवी कैंपस, 1500 गांधीनगर स्थित स्काउट गाइड ट्रेनिंग सेंटर में, 432 ऋषिराज डेंटल कॉलेज में रोपे गए हैं।
हबीबगंज स्टेशन परिसर से काटे गए थे 1382 पेड़, लेकिन लगाए 8 से 10 किमी दूर
हबीबगंज रेलवे स्टेशन के विस्तार के लिए दो साल में यहां 1382 पेड़ काटे जा चुके हैं। इसकी भरपाई के लिए लगभग तीन गुना यानी 4 हजार 182 से अधिक पौधे लगाए जाने हैं। इसी क्रम में सीपीए ने 2018 में चार स्थानों पर 3260 पौधे लगाने का दावा किया है। ये पौधे आईसीएआर-पशु रोग संस्थान, कस्तूरबा हॉस्पिटल के पीछे, शाहपुरा पहाड़ी के भरत नगर गैप एवं सुलभ कॉम्पलेक्स के पीछे किए जाने का दावा किया है। इसी के दूसरे क्रम में 2268 पौधे 2019 के मानसून में लगाने की योजना है। इसके लिए गांधीनगर स्थित सेंट्रल जेल के सामने बडवई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का चयन किया गया है।