जबलपुर। स्कूल शिक्षा विभाग की जल्दबाजी में जारी हुई ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर शिक्षक परेशान हैं। जिले में 105 ऐसे वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक और सहायक अध्यापक ऐसे हैं, जिन्हें स्थानांतरण का लाभ मिलता नहीं दिख रहा है। इन शिक्षकों को अभी तक स्कूल शिक्षा विभाग ने नियुक्ति आदेश ही जारी नहीं किए। पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत आने वाले इन अध्यापकों को सबसे पहले स्कूल शिक्षा विभाग में शामिल करना था किंतु विभाग ने जिले के 4160 अध्यापकों में से 105 को अभी तक विभाग में शामिल नहीं किया है।
तीन दिन में प्रकरण निपटाने के मिले थे निर्देश
लोकशिक्षण संचालनालय ने सभी संभागीय संयुक्त संचालकों को आदेशित किया था कि शिक्षा विभाग में शामिल नहीं हो पाए शिक्षकों के प्रकरणों का निपटारा कर तीन में अधिकारी रिपोर्ट पेश करें ताकि जल्द से जल्द अध्यापकों को तबादला प्रक्रिया का लाभ मिले लेकिन संभागीय संयुक्त संचालकों ने एक सप्ताह के बाद तक विभाग को जानकारी नहीं पहुंचाई।
5 जुलाई तक लिए जाएंगे आवेदन
वर्षो से स्थानांतरण की आश लगाए अध्यापक अपने ही विभाग की लेटलतीफी और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से परेशान है। एक तरफ विभाग ने स्थानांतरण नीति में फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 5 जुलाई तय की है वही दूसरी तरफ विभाग हजारों अध्यापकों के राज्य स्कूल शिक्षा सेवा में नियुक्ति के आदेश ही जारी नहीं कर पाया है। जितने अध्यापकों की नवीन नियुक्ति का आदेश नहीं हुआ वे स्थानांतरण का फॉर्म ही नहीं भर सकते।
13 हजार से अधिक अध्यापकों की नियुक्ति नहीं
राज्य शिक्षक संघ नरेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि मप्र में 1,87,557 अध्यापकों की राज्य स्कूल शिक्षा सेवा में नियुक्ति होनी है और अभी तक 1,74,429 अध्यापकों की ही नियुक्ति हो सकी है। 13,128 अध्यापक आज भी नवीन नियुक्ति से वंचित हैं। स्थानांतरण नियमों के अनुसार केवल वे ही अध्यापक स्थानांतरण के पात्र होंगे जिनकी नवीन संवर्ग में नियुक्ति हो गई है ऐसे में प्रदेश के 13 हजार से अधिक अध्यापक विभाग की लचर व्यवस्था के कारण स्थानांतरण का आवेदन ही न कर पा रहे हैं।