भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों यह समझ पाना मुश्किल है कि अघोषित बिजली कटौती ज्यादा हो रही है या तबादले। लोकसभा चुनाव के बाद एक ही दिन में 70 तबादलों का रिकॉर्ड बना चुके मुख्यमंत्री कमलनाथ अब 12 आईपीएस अफसरों के तबादले करने जा रहे हैं। लिस्ट तैयार है। बस आखरी फैसले का इंतजार है।
परिवहन कमिश्नर शैलेन्द्र श्रीवास्तव की जगह संजय माने
करीब साढ़े चार साल से परिवहन आयुक्त पद पर पदस्थ शैलेंद्र श्रीवास्तव को हटाकर 1989 बैच के संजय माने को पदस्थ किए जाने की चर्चा है जबकि श्रीवास्तव को उनके ही बैच के अनिल कुमार के स्थान पर लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना महानिदेशक पद पर पदस्थ किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता से राज्य शासन को सहमति लेने की जरूरत होगी और बिना सहमति के यह बदलाव संभव नहीं होगा।
कहा जा रहा है कि पिछले कुछ समय में हुए आईपीएस अधिकारियों के स्थानांतरण में लंबे समय की सोच नहीं दिखाई दे रही है। भारतीय पुलिस सेवा के 1994 और 2006 बैच के अधिकारियों को भी तबादलों में शामिल कर लिए जाने से यह खामी गिनाई जा रही है। 1994 बैच के अधिकारी अभी महानिरीक्षक हैं, जिन्हें अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बनाया जाना है। उनकी डीपीसी भी सरकार ने दिसंबर में कर ली थी। इसके बाद भी बैच के राजाबाबू सिंह को ग्वालियर आईजी पदस्थ किया गया और हाल ही में आईजी रेल डीपी गुप्ता को मुरैना आईजी बनाकर भेज दिया गया।
इसी तरह 2006 बैच के अधिकारी भी डीआईजी बनने वाले हैं, लेकिन इस बैच के अनिल सिंह कुशवाह को हाल ही में एसपी शहडोल बना दिया गया। इसी तरह कांग्रेस सरकार ने इसी बैच के तिलकराज सिंह और एमएल छारी को एसपी बनाकर भेजा है। ये सभी अधिकारी कभी भी पदोन्नत किए जा सकते हैं, जिससे उस समय फिर सरकार को तबादले करना पड़ेंगे।
कुछ और एसपी बदलने की चर्चा
दूसरी तरफ कुछ एसपी और बदले जाने की संभावना जताई जा रही है। ये वे एसपी हैं, जिन्हें चुनाव आयोग ने पदस्थ किया था। इनमें सतना के रियाज इकबाल, पन्ना एसपी मयंक अवस्थी और दमोह एसपी विवेक सिंह के नाम चर्चा में हैं। तीनों अधिकारियों को मार्च में चुनाव आयोग ने हटाया था।
चुनाव आयोग द्वारा पदस्थ किए गए दीपक शुक्ला, निमिष अग्रवाल को सरकार ने हाल ही में हटाया है। जिला एसपी बनाए जाने के लिए कुछ पुलिस अधिकारी प्रयासरत हैं, जिनमें संतोष सिंह गौर, तरुण नायक, हेमंत चौहान और प्रशांत खरे के नाम चर्चा में हैं।
कटनी में कांग्रेस सरकार ने आने के बाद हिमानी खन्ना को पदस्थ किया था, लेकिन उन्हें लोकसभा चुनाव के बाद हटा दिया तो अब ऐसे ही कुछ अन्य एसपी पर गाज गिरने की संभावना है, जिन्हें कमलनाथ सरकार ने जिलों में कप्तान बनाकर भेजा था।