इंदौर। अमेरिका में भारतीय शाही आभूषणों के संग्रह की बोली 10.9 करोड़ डॉलर (करीब 755 करोड़ रुपए) से ज्यादा की लगी। इनमें 17 कैरेट का गोलकुंडा हीरा ‘अर्काट2’ 23.5 करोड़ रु. में नीलाम हुआ। हैदराबाद के निजाम के हीरे का हार करीब 17 करोड़ रुपए में बिका। नीलामी घर क्रिस्टीज ने बताया कि उन्हें इस हार के 10.5 करोड़ रु. में बिकने की उम्मीद थी।
इंदौर के महाराज यशवंत राव होलकर द्वितीय से संबंधित एक हार 1.44 करोड़ में बिका। जयपुर की राजमाता गायत्री देवी की हीरे की बेहद पुरानी अंगूठी 4.45 करोड़ में बिकी। नीलामी घर की ओर से बताया गया ‘महाराजा एंड मुगल मैग्निफिशेन्स’ नीलामी में 755 करोड़ रुपए की बिक्री हुई।
अब जानिए कुछ ऐतिहासिक तथ्य
१-'धनगर ' समुदाय के इतिहास महाभारत से भी पहले से चला आ रहा है। भगवान कृष्ण को पालने वाले बाबा नन्द इसी धनगर वंश के थे।
२-'धनगर' समुदाय के प्रमुख राजवंशों में एक था 'होलकर राजवंश'।
मराठा शासन के अंतर्गत मल्हारराव होलकर [जनम १६९४-मृ..१७६६] ने १७२० में मालवा क्षेत्र में अपना राज्य स्थापित किया। उनके बाद उनकी पुत्रवधू राजमाता अहिल्या देवी होलकर ने १७६७-१७९५ तक यहाँ राज्य किया।
३-उनके बाद तुकोजी राव ने केवल दो साल ही यहाँ राज्य किया। जिनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र यशवंत राव होलकर ने १७९७ से १८११ तक शासन किया। अंग्रेज और मराठों के बीच द्वितीय युद्ध में कई जीत मिलने के बाद [वह एकमात्र एक ऐसे राजा थे] जिनसे शान्ति-संधि में ब्रिटिश सरकार ने कोई शर्त नहीं रखी और युद्ध में हड़पी उनकी सारी जागीर भी लौटा दी थी।
४-महाराजा यशवंतराव [द्वितीय] १९२६ से १९४७ तक यहाँ के शासक रहे।
५-होलकर राजवंश की वर्तमान उत्तराधिकारी 'उषा देवी महारानी साहिबा होलकर [१९६१-से वर्तमान ] महाराज यशवंत राव होल्कर की पुत्री हैं, आप मुम्बई मे निवास करती हैं और इस राजवंश के ट्रस्ट खाशगी ट्रस्ट का प्रबंधन भी करती हैं। इंदौर में रहती हैं।
इन्हीं महाराज यशवंत राव होल्कर की युरोपियन पत्नि से एक पुत्र प्रिंस रिचर्ड ( शिवाजी राव होल्कर) हैं वो महेश्वर (जिला - निमाड, म.प्र.) मे रहते हैं।
इसी वंश की राजकुमारी सबरीना होलकर अमेरिका में अपने यहूदी- भारतीय पति के साथ रहती हैं।