19 हजार महिला कर्मचारियों ने 'हाई हील' के खिलाफ याचिका दाखिल की | EMPLOYEE NEWS

Bhopal Samachar
न्यूज रूम। कौन सी ऐसी महिला होगी जिसे हाई हील पसंद ना हो। हाई हील ही तो हैं जो महिला की हाइट बढ़ातीं हैं और उन्हे पुरुषों के बराबर ला देंतीं हैं परंतु जापान की 19 हजार महिला कर्मचारियों ने हाई हील के खिलाफ याचिका दाखिल की है। वो अब हाई हील नहीं पहनना चाहतीं। वो पुरुषों की तरह फ्लैट पहनना चाहतीं हैं। बता दें कि जापान में कामकाजी महिलाओं को हाई हील पहनना अनिवार्य है। 

शुरुआत 32 वर्षीय जापान की अभिनेत्री युमी इशिकावा ने की। इसी से जुड़ा इशिकावा ने एक ट्वीट किया जिसमें लिखा, ‘‘हाई हील पहनने का नियम उन महिलाओं के लिए बना था, जो फ्यूनरल पार्लर (जहां मुर्दे को ताबूत में रखने से पहले तैयार किया जाता है) में काम करती थी। इस मुद्दे पर ट्वीट वायरल हो गया। इसे करीब 30 हजार लोगों शेयर किया। बता दें, 2015 में लंदन की एक रेशेप्निस्ट ने हाई हील पहनकर ऑफिस आने से मना कर दिया था। इसके बाद कंपनी ने उसे घर भेज दिया था। इतना हीं नहीं उसे वेतन भी नहीं दिया था।

मीटू की तर्ज पर कुटू अभियान शुरू
जापान की क्योडो न्यूज के अनुसार, हाई हील के विरोध में यहां एक अभियान चलाया है। इसे #कुटू कहा गया। जापानी भाषा में कुत्सू का मतलब जूता होता है। कुत्सु का कु और मीटू का टू जोड़कर इस अभियान का नाम ‘हैशटैग कुटू’ रखा। #मीटू अभियान दुनियाभर में यौन शोषण के खिलाफ मुखर होती महिलाओं की आवाज बना था। इसमें महिलाओं ने अपने खिलाफ हुई ज्यादती को दुनिया के सामने रखा था। सेलेब्रेटीज से शुरू हुआ यह अभियान आम महिलाओं की भी आवाज बना।

लाेगों की सोच बदलेगा अभियान
अभियान में शामिल होगों को कहना है कि ऑफिस में हाई हील तब पहने जब अनिवार्य शर्त हो। जॉब ज्वाइनिंग के समय इसके बारे में नियम बने। इशिकावा कहती हैं, मुझे उम्मीद है, यह अभियान समाज और कानून कायदों में बदलाव लाएगा। यदि कोई महिला वर्कप्लेस पर हाई हील की जगह फ्लैट शू पहनती है, तो वह अव्यवहारिक और अशिष्ट नहीं समझी जाएगी। इशिकावा इस मामले में मंत्रालय के अधिकारियों से भी मिली। उन्होंने भी याचिका पर सहानुभूति जताई है।

पहले भी ड्रेस कोड का विरोध हुआ
इशिकावा ने कहा कि यह पहली बार नहीं हो रहा, जब ऑफिस में हाई हील पहनने के नियम को बदलने के लिए अभियान चला हो। इससे पहले फाइनेंस कंपनी पीडब्ल्यूसी में हाई हील पहनने के नियम का विरोध हो चुका है। कंपनी की कर्मचारी निकोला थोर्प ने ब्रिटेन ड्रेस कोड कानूनों का पालन करने से इनकार कर दिया था। निकोला ने कंपनी की अस्थायी सदस्यता ली थी।

हाई हील से चोट लगने का खतरा ज्यादा
पीडब्ल्यूसी मामले को मीडिया में सुर्खियां मिलने के बाद आउट सोर्सिंग फर्म पोर्टिको ने घोषणा की थी कि महिला सहकर्मी सादे जूते पहन सकती हैं। 2017 में कनाड़ा में भी महिलाओं के लिए हाई हील पहनने का नियम खत्म हो गया। ब्रिटिश कोलंबिया की सरकार ने कहा, ऊंची एड़ी की हील पहनने पर गिरने-फिसलने की अशंका रहती है। इससे शारीरिक चोट लगने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। 

पुरुषों ने कहा- हमें भी क्लीन शेव रखने से आजादी चाहिए
अभियान में लोगों ने कई दिलचस्प सुझाव भी दिए हैं। एक यूजर ने लिखा कि ‘यह केवल महिलाओं की नहीं बल्कि सामाजिक समस्या है।’ एक यूजर ने लिखा कि अभियान का हम समर्थन करते हैं, बशर्ते पुरुषों को भी क्लीन शेव से मुक्ति मिलनी चाहिए। जापान में सरकारी कर्मचारियों के लिए दफ्तर में क्लीन शेव रखना अनिवार्य है। एक यूजर ने कहा- ‘महिलाएं हाई हील पहनना ही बंद कर दें।

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