भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने कलेक्टर गाइडलाइन में 20 फीसदी की कटौती कर लोगों को बड़ी राहत दी है। बेटी या पत्नी को संपति में अधिकार देने पर उसमें स्टॉम्प ड्यूटी 1 हजार और रजिस्ट्रेशन शुल्क 500 कर दिया गया है। बुधवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई गई।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी वित्तमंत्री तरुण भनोट और जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि जिलों में प्रॅापर्टी के मूल्य निर्धारण को लेकर जारी होने वाली कलेक्टर गाइड लाइन में 20 फीसदी की कटौती की गई है। जिससे आम जनता को लाभ मिलेगा और रियल स्टेट में छाई मंदी भी कम होगी। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेशभर में जमीनों के दाम ज्यादा थे, भोपाल में भी रियल एस्टेट के रेट अधिक थे।
भनोट ने कहा कि कैबिनेट का ये फैसला प्रदेश के सभी 52 जिलों में लागू होगा। नए फैसले के बाद जमीन या प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त पर कम स्टांप ड्यूटी और कम रजिस्ट्री फीस चुकानी होगी। कलेक्टर गाइडलाइन के व्यवहारिक पहलू देखते हुए रेट में कटौती की गई है। इससे बड़ी कीमतों के चलते इनकम टैक्स के झंझट से भी लोग बच सकेंगे।
रजिस्ट्री शुल्क में दिया झटका :
हालांकि सरकार ने रजिस्ट्री शुल्क में कोई परिवर्तन नहीं किया, बल्कि इसे 2.2 फीसदी तक बढ़ा दिया है। पहले रजिस्ट्री शुल्क 7.3 लगता था, जो अब बढ़कर 9.5 कर दिया गया है। शहरी क्षेत्र के लोगों को 3 फीसदी अतिरिक्त रजिस्ट्री शुल्क देना होगा।
स्टॉम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क को घटाया
वित्तमंत्री तरुण भनोट ने बताया कि पारिवारिक विभाजन में स्टॉम्प शुल्क को दो फीसदी तक घटा दिया गया है। पहले ये 2.5 था, इसे 0.5 कर दिया गया है। ताकि परिवारों में आंतरिक बंटवारे में आसानी हो सके। एक अन्य फैसले में अचल संपति पत्नी या पुत्री को अधिकार देने पर स्टॉम्प और पंजीयन शुल्क को पहले 1 और 0.8 फीसदी था, जिसे कैबिनेट ने फिक्स कर दिया गया है। इसमें 5 हज़ार की जगह स्टाम्प ड्यूटी 1000 रुपए और पंजीयन शुल्क को 100 रुपए कर दिया गया है।