भोपाल। मध्यप्रदेश में अब शासकीय सेवक अपने कम कमाऊ माता पिता का इलाज करा कर चिकित्सा प्रतिपूर्ति प्राप्त कर सकेंगे। लोक स्वास्थ्य एव परिवार कल्याण विभाग ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा चिकित्सा परिचर्या नियम 1958 के नियम 2 खण्ड घ के उपखण्ड दो में पूर्णत आश्रित सदस्यों की की आय सीमा एक लाख रूपयें से बढाकर तीन लाख रूपयें कर दी है।
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश चिकित्सा परिचर्या नियम में पूर्ण आश्रित सदस्य की वार्षिक आय सीमा एक लाख रूपयें वार्षिक थी जिसके चलते परिवार के ऐसे सदस्य माता, पिता,पत्नी/पति अथवा बच्चें जो 8300 रूपयें प्रतिमाह से अधिक कमाते थे शासकीय सेवक पर पूर्णत आश्रित नही माने जाते थे और इनके इलाज पर खर्च होने वाले राशि की प्रतिपिूर्ति शासकीय सेवक को नही की जाती थी जिससे शासकीय सेवक को अपने परिवार के सदस्यों का महंगा इलाज करवाने में कठिनाई का सामना करना पडता था।
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने मुख्य सचिव को ज्ञापन प्रेषित कर मांग की थी कि राज्य शासन के अधिकारियों/ कर्मचारियों को प्रदेश सरकार द्वारा सातवा वेतनमान देने से आय में वृद्धि होने के बाबजूद मंहगाई एवं चिकित्सा दरों में अत्याधिक वृद्धि होने के दृष्टिगत पूर्णत आश्रित सदस्यों की आय सीमा को एक लाख से बढाकर तीन लाख वार्षिक किया जायें।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने परिपत्र जारी कर शासकीय सेवक के माता-पिता जिनकी अधिकतम आय पेंशन एवं अन्य साधनों को शामील करते हुए रूपये 25 हजार मासिक अर्थात 3.00 लाख वार्षिक है को शासकीय सेवक पर पूर्णत: आश्रित मान्य किया है जिसके चलते अब शासकीय सेवक माता पिता का इलाज कराकर चिकित्सा प्रतिपूर्ति प्राप्त कर सकते है।
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा, विजय मिश्रा, रविकांत बरोलिया, उमाशंकर तिवारी, कैलाश रावत आदि ने मध्यप्रदेश सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है।