भोपाल की 3000 से ज्यादा इमारतें, आग भड़की तो राख हो जाएंगी | BHOPAL NEWS

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भोपाल। दो दिन पहले ही राजधानी के अस्पताल में आग लगने की घटना हुई थी। शुक्र है, लोगों की सजगता से सूरत जैसी अनहोनी यहां नहीं हुई, लेकिन आग से बचाव के इंतजामों को लेकर शासन प्रशासन कितना सजग है यह बड़ा सवाल है। दरअसल, मप्र में कागजी योजनाएं ही गंभीरता से बनाई जाती हैं। जिस पर अमल यदाकदा ही होता है। इसी का सजीव उदाहरण है बिल्डिंग परमिशन के नियम। नियमों की सख्ती के बावजूद भी मनमानी होती है। इसीका नतीजा है कि बहुमंजिला इमारतों में आग से बचने के इंतजामों का न तो कड़ाई से पालन होता है और न ही अफसर मैदानी निरीक्षण करते हैं।

हालात यह है कि प्रदेश की 70% से ज्यादा बहुमंजिला इमारतों की फायर एनओसी ही नहीं है। इसके विपरीत प्रदेशभर में बड़ी संख्या में रूफटॉप रेस्तरां बिना फायर सेफ्टी इंतजामों के ही चल रहे हैं। दूसरी तरफ, सूरत हादसे से सबक लेते हुए दिल्ली सरकार ने तत्काल आग के संभावित हादसे से बचाव और इंतजामों के लिए 27 मई को गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसमें 10 से ज्यादा अहम बदलाव किए गए हैं। नेश्नल बिल्डिंग कोड-2016 (एनबीसी) में सभी प्रदेशों के लिए स्पष्ट गाइडलाइन है, फिर भी प्रदेश के नगरीय निकायों में इनका पालन ही नहीं हो रहा है। ऑनलाइन सिस्टम से अब तक 1150 इमारतों की फायर एनओसी ही ली गई हैं। इनमें होटल, शैक्षणिक, अस्पताल, व्यवसायिक, मर्केंन्टाइल, औद्योगिक स्टोरेज शामिल है, ऐसी 4260 से ज्यादा इमारतें हैं, जिन्होंने फायर एनओसी ही नहीं ली है। इन इमरतों के संचालकों तीन साल से ज्यादा वक्त से फायर एनओसी ली ही नहीं है।

बीयर बार-पब में सख्ती शुरू
आबकारी विभाग फायर एनओसी के लिए सक्रिय हुआ है। विभाग ने सभी बियर बार और पब रेस्तरां के लिए आदेश निकाल दिए हैं। बार संचालकों को फायर एनओसी तत्काल लेना होगी। इसका पालन नहीं होने पर बार लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।  बीते तीन साल में सूबे में ऑनलाइन सिस्टम से 1150 इमारतों के लिए ही ली गई है फायर एनओसी, जबकि पूरे प्रदेश में 4260 से भी ज्यादा बहुमंजिला इमारतें हैं, जिनके पास नहीं है फायर एनओसी।
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