सिरोंज। पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के भाई, विधायक एवं भाजपा नेता उमाकांत शर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 186 (लोक सेवक के लोक कॄत्यों के निर्वहन में बाधा डालना।) के तहत माला दर्ज किया गया है। आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में बाधा पहुंचाई। बता दें कि कार्यक्रम में विधायक ने शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया था एवं विवाद बढ़ने पर वाकआउट कर दिया था।
25 जून को मुख्यमंत्री कन्यादान एवं निकाह योजना के तहत सिरोंज के कृषि उपज मंडी परिसर में 273 युगलों का सामूहिक विवाह समारोह सम्पन्न हुआ था। समारोह में प्रभारी मंत्री हर्ष यादव के साथ ही भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा ने भी शिरकत की थी। मंच पर प्रभारी मंत्री के आने के बाद जनपद अध्यक्ष जितेन्द्र बघेल को कुर्सी दिलवाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस नेताओं के बीच बहस की स्थिति बन गई थी। इसके बाद भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा प्रोटोकाल के उल्लंघन का हवाला देते हुए अपने साथी कार्यकर्ताओं के साथ मंच के सामने ही धरने पर बैठ गए थे। करीब आधा घंटे तक दोनों पक्षों के बीच नारेबाजी का दौर चला।
इस बीच कांग्रेस जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र रघुवंशी भी साथी कार्यकर्ताओं के साथ मंच से कूद गए और धक्कामुक्की की स्थिति बन गई। मौके पर मौजूद एसडीएम बीबी श्रीवास्तव और एसडीओपी एनएस राठौर को बीच-बचाव करना पड़ा था। भाजपा विधायक और कार्यकर्ता कार्यक्रम बीच में ही छोड़ कर वापस लौट गए। इस घटना के चार दिन बाद मामले में पुलिस ने प्रकरण कायम किया है। एएसपी केएल बंजारे ने बताया कि मामले में जनपद पंचायत सिरोंज के सीईओ की शिकायत पर विधायक उमाकांत शर्मा के साथ ही आठ-दस लोगों के खिलाफ धारा 186 के तहत प्रकरण कायम किया गया है।
ड्यूटी पर तैनात सिपाही और हवालदार सस्पेंड
घटना के दिन मंच पर पथरिया थाने के पुलिस के जवानों की ड्यूटी लगाई गई थी। पुलिस प्रशासन ने मामले में चार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है। पथरिया थाना प्रभारी महेन्द्र शाक्य ने बताया कि 25 जून को हुए घटनाक्रम को लेकर हमारे थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक देवीसिंह, प्रधान आरक्षक मोहम्मद हलीम के साथ ही आरक्षक राहुल मालवीय और जीतेन्द्र सिंह को लाइन अटैच कर विदिशा बुलाया गया है। इन सभी की ड्यूटी मंच पर ही थी। हमने सभी को विदिशा भेज दिया है।