भोपाल। चुनावी मोड पर कमल नाथ सरकार ने अध्यापकों की 6वें वेतनमान की वेतन विसंगति, सरकार बनते ही तीन माह मे दूर करने का प्रलोभन देकर हमसे वोट लेकर सरकार बना चुके छ: माह से अधिक समय होने के बाद मुख्यमन्त्री कमलनाथ जी अपने वचन से मुकर रहे है। जिसमे सेवा पुस्तिका मे दर्ज 31/12/2015 के मूल वेतन से ही, 6वां वेतनमान 01/01/20016 के मूलवेतन +ग्रेड पे के 3% अनुसार दिया जाना चाहिये परंतु 6वाँ वेतनमान सेवा पुस्तिका मे दर्ज 31/12/2015 के मूल वेतनमान से कम करके, वेतनमान का निर्धारण किया जा रहा है जो 6वें वेतनमान के सूत्र अनुसार मूल वेतनमान+ग्रेड पे के 3%से नही है।
यह पहली ऐसी सरकार है जो अध्यापकों का अधिक विद्यमान मूल वेतन होते हुए, उसका मूल वेतन कम करके वेतन निर्धारण कर रही है। इस प्रकार प्रशासन द्वारा जानबूझकर 6वें वेतनमान मे वेतन विसंगति की गई है और सरकार तीन माह मे वेतन विसंगति दूर करने के वचन का प्रलोभन देकर वोट हासिल कर अपने वचन से मुकर रही है।
वही संघ की ओर से मुख्यमन्त्री और शिक्षा मन्त्री की को दिनांक 08/06/2019 एवं 14/06/2019 को, वेतन विसंगति दूर करने का ज्ञापन दिया गया है। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा/अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग/आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल को दिनांक 23/03/2018 को/14/03/2018 को,15/02/2019 को,/29/01/2019को, /11/06/2019 को दिया गया है परंतु आज दिनांक तक अध्यापक सम्वर्ग की वेतन विसंगति दूर नही हुई है, ना ही मान्यता प्राप्त संघ को कोई जवाब दिया गया है। अध्यापक महासंघ जल्द ही विधान सभा सत्र मे निर्णायक आँदोलन करेगा।