इंदौर। महीने के 17 दिन बीतने के बाद भी जिले के आधे से ज्यादा शिक्षा संकुलों के करीब 300 अध्यापकों का अब तक वेतन जारी नहीं हुआ। वे रोजाना अफसरों के चक्कर काट रहे हैं और अफसर शिक्षा विभाग (Education Department) के खाते में पैसा खत्म होने का तर्क देकर लौटा रहे हैं। हालात ये हैं कि कोई बच्चों की स्कूल की फीस नहीं भर पा रहा है तो कोई लोन की किस्त(Installment of loan)।
30 संकुलों के अध्यापकों की तनख्वाह जारी कर विभाग ने हाथ खड़े कर दिए। वेतन नहीं मिलने से परेशान अध्यापकों का कहना है कि जून में सभी को बच्चों की स्कूल फीस भरना होती है। किसी के रिश्तेदार के परिवार में शादी है तो उन्हें उधार लेकर काम करना पड़ रहा है। यही स्थिति बैंक में चल रहे होम लोन, वाहन लोन आदि की है जिसकी किस्त जमा करने में अध्यापकों को पसीना आ रहा है। अध्यापक संगठन के प्रवीण यादव ने बताया कि इंदौर ब्लॉक के 20 सहित जिले के करीब 35 संकुल के अध्यापक आर्थिक परेशानी से गुजर रहे हैं। अधिकारी भी स्पष्ट नहीं बता रहे हैं कि तनख्वाह (salary)कब तक जारी होगी।
कर्मचारी संगठन के हरीश बोयत का कहना है कि सरकार अध्यापकों का पैसा रोककर किसानों का कर्ज माफ कर रही है तो यह गलत है। अध्यापक पहले ही बहुत संघर्ष कर रहे हैं, उन्हें समय पर वेतन मिलना चाहिए। इधर, इससे बुरे हाल अतिथि शिक्षकों के हो रहे हैं। उन्हें आखिरी के दो महीने मार्च-अप्रैल का मानदेय नहीं मिला है। जिले में ढाई सौ अतिथि शिक्षक मानदेय नहीं मिलने से विभाग के चक्कर काट रहे हैं। इनके लिए भी शिक्षा विभाग के खाते में पैसा नहीं है।
अध्यापक कोषालय में अफसरों से वेतन की चर्चा करने जाते हैं तो उन्हें शिक्षा अधिकारी से बात करने का कहकर टरका देते हैं। शिक्षा अधिकारी के पास जाते हैं तो वे कहते हैं कि हमने शासन को चिट्ठी लिख दी है, अब आगे की कार्रवाई वहां से होगी। भोपाल में कोई अधिकारी अध्यापकों से बात करने को तैयार नहीं होता।
आवंटन नहीं है
विभाग के पास इस समय आवंटन नहीं है। अध्यापकों की परेशानी जायज है। इस संबंध में शासन को पत्र लिखा है, जैसे ही आवंटन खाते में आएगा, अध्यापकों का वेतन जारी कर दिया जाएगा।
एचएल खुशाल, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, इंदौर