जबलपुर। यदि आप किसी भी तरह की ठगी का शिकार हो जाएं और बैंक से मदद मांगने जाएं तो बैंक अधिकारी आपको ही दोषी ठहरा देते हैं। तमाम आदर्श वाक्य बोले जाते हैं, नियम बताए जाते हैं। आपको ऐसा करना चाहिए था, आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था परंतु इस केस में बैंक मैनेजर ही ठगी का शिकार हो गया और वो भी भारतीय स्टेट बैंक का मैनेजर। नटरवरलाल ने बैंक को 17 लाख का चूना लगा दिया।
17 जून को जाल बिछाया
पुलिस ने बताया कि थाना ओमती में अनुज कुमार निवासी सुलतानपुर आगरा कैंट आगरा उत्तर प्रदेश ने लिखित शिकायत की कि वह वर्तमान में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा मढोताल में शाखा प्रबंधक के पद पर कार्यरत है। 17 जून 2019 को शाम लगभग 4.25 पर उसके मोबाईल पर एक मोबाईल नम्बर से काल आया। ट्रू कालर एप में कॉलर का नाम रबिन खटवानी आ रहा था। काल करने वाले व्यक्ति ने अपना परिचय देते हुये बताया कि रबिन खटवानी बोल रहा हूँ मैं रबिन खटवानी मोटर्स प्रायवेट लिमिटेड का मालिक हूँ, और हमारा एकाउंट आपकी शाखा में ही है तथा उन्होने मुझे मेरी नियुक्ती की बधाई देते हुये व्यवसाय वृद्धि में सहयोग का अश्वासन देकर फोन काट दिया।
18 जून को 2 बार टेस्ट किया, बैंक मैनेजर झांसे में आ सकता है या नहीं
शाम 6.00 बजे उसी नंबर से दोबारा काल आया और अपना एकाउंट नंबर बताते हुये उससे एकाउंट का बेलेंस जानना चाहा। जिससे कहा यह हम नही बता सकते क्योंकि यह नियम के विपरीत है। ठग ने बैंक मैनेजर को झांसे में लेते हुए कहा कि किसी एंट्री का मिलान नही हो रहा है। बैंक मैनेजर झांसे में आ गया और एकाउंट का बेलेंस बता दिया। 18 जून 2019 को सुबह 10.57 पर फिर उसी नंबर से काल आया और पुनः उससे बैलेंस जानने कि रिक्वेस्ट की गई तो उसने बेलेंस बता दिया।
19 तारीख को ऑपरेशन चूना लगाओ शुरू किया गया
बैंक मैनेजर ने बताया कि अगले दिन दिनांक 19 जून 2019 को फिर उसी नंबर से कॉल आया। एक अजेंट ट्रांसफर पेमेंट करने के लिए कहा और बोले कि थोड़ी देर में मिस्टर विवेक राय चेक लेकर आ जायेंगे, क्योंकि व्यवसायिक भुगतान है और उन्हें किन्ही विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है, अतः ट्रांसफर जल्द से जल्द कर दिया जाए। इसके लिए उन्होंने मुझे संबधित समस्त डिटेल उसके व्हाटसएप नंबर जानकारी भेजी। मेरे द्वारा आपत्ति किए जाने पर कि हम इस तरह फोन पर बिना चेक के अमाउंट ट्रांसफर नहीं कर सकते तो उन्होंने कहा कि थोड़ी देर में ही स्टाफ चैक लेकर पहुंच जाएगा, कृपया जल्द से जल्द भुगतान किया जाए।
बैंक मैनेजर ने स्टाफ को खुद से ज्यादा योग्य माना और जाल में फंस गया
बैंक मैनेजर ने बैंक के अन्य स्टाफ से पूछताछ की जिस पर स्टाफ ने बताया कि कभी-कभी ऐसा होता है, उनके अजेंट पेमेंट होते हैं जिसे हम तत्काल कर देते है। चेक बाद में प्राप्त हो जाता है। खटवानी परिवार की अच्छी इमेज के चलते राशि रू 8,23,211 रुपए उनके बताए हुए अकाउंट नंबर पर ट्रांसफर कर दिए है। इसके बाद उसने उसी नंबर पर काल करके चेक जल्दी भेजे जाने की डिमांड की तो उन्होनें कहा कि वे इस वक्त बाहर हैं ऑफिस पहुंचते ही चेक भेज देंगे।
20 तारीख को फिर से ठगी की गई
इसके बाद 20 जून 2019 को दोबारा उनका अन्य भुगतान के लिये फोन आना शुरू हो गया। जिसकी उसके द्वारा आपत्ति किये जाने पर उन्होने मुझे मेरी शिकायत और अकांउट बंद करने की धमकी देकर कहा कि 15 मिनट में पहुंच रहा हूँ अभी पेमेंट कर दीजिये, क्योंकि उन्हें किसी व्यवसायिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। उनके द्वारा दोनों चेक पहुंचाये जाने का अश्वासन पाकर उसने राशि रुपए 8,75,256/- रूपये बताये हुये एकाउंट नम्बर में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दी।
शाम 5 बजे असली खटवानी से बात हुई
शाम लगभग 5.00 बजे जब किसी अन्य नंबर से रॉबिन खटवानी का कॉल आया तो बैंक मैनेजर ने उनसे चेक की डिमांड की तो उन्होनें कहा कि उन्हे ऐसी कोई जानकारी नहीं है, तुरंत रॉबिन खटवानी से मुलाकात हुई तब यह पता चला कि कोई रॉबिन खटवानी बनकर, रॉबिन खटवानी के नाम का इस्तेमाल कर, ठगी की है। शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले को जांच में लेते हुए जांच कमेटी गठित की है।