भिंड। प्रभारी मंत्री आरिफ अकील के फर्जी भांजे वाले मामले में ट्विस्ट आ गया है। मंत्री अकील ने जिस फर्जी भांजे के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज करने को कहा था, बाद में उसे बिना FIR कार्रवाई छोड़ दिया गया। इतना ही नहीं फर्जी भांजे के लिंक रेत माफिया से भी बताए जा रहे हैं।
मंगलवार को खबर आई थी कि जिला मुख्यालय के वीआईपी सर्किट हाउस में एक युवक खुद काे जिले के प्रभारी मंत्री आरिफ अकील का भांजा बताकर न केवल 22 दिन तक ठहरा रहा बल्कि वह कई बड़े अफसरों से भी मिलता-जुलता रहा। जब इस बारे में मंगलवार काे जिला याेजना समिति की बैठक लेने आए प्रभारी मंत्री आरिफ अकील से मीडिया ने सवाल किया तो उन्हाेंने कहा कि मेरा कोई रिश्तेदार नहीं है, कोई ऐसा कह रहा है तो उसके खिलाफ पुलिस धाेखाधड़ी का केस दर्ज करे।
एसपी उस युवक के कमरे में पहुंचे ताे उसके साथ खनिज अधिकारी आरपी भदकारिया सहित अन्य अफसर भी बैठे हुए थे। पुलिस से पूछताछ में उस युवक जमील अहमद ने कहा कि वह झांसी का गारमेंट का व्यापारी है। एसपी ने देहात थाना प्रभारी सीपी सिंह को युवक से पूछताछ करने के निर्देश दिए हैं। युवक को तत्काल हिरासत में ले लिया गया था लेकिन बाद में उसे बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया गया।
एडीएम ने रूम बुक करवाया था
इस युवक को यह रूम संयुक्त कलेक्टर डीके सिंह के फोन करने पर उपलब्ध कराया गया था। डीके सिंह से पूछा गया तो उनका कहना था कि मैंने कोई रूम अलॉट नहीं किया है। वह पहले से रुका होगा।