भोपाल। भोपाल संभाग के जिला अस्पतालों से रोजाना मरीजों (Patients) को मेडिकल कॉलेजों (Medical colleges) में रैफर (Refer) किया जाता है। छोटे-छोटे एक्सीडेंट के केस भी हमीदिया और विदिशा मेडिकल कॉलेज में रैफर किए जा रहे हैं। जबकि जिला अस्पतालों (District hospitals) में पर्याप्त इलाज की व्यवस्था है, दवाओं के लिए भी पर्याप्त बजट शासन से मिल रहा है।
कलेक्टर्स इसकी माॅनीटरिंग कराएं कि जिला अस्पताल से जो भी मरीज मेडिकल कॉलेज में रैफर किया जाएगा, उसका कारण ड्यूटी डॉक्टर (doctor) को बताना होगा, साथ ही एक सर्टिफिकेट भी मरीज के परिजनों को देना। इस सर्टिफिकेट में यह लिखना होगा कि मरीज को रैफर इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अस्पताल में इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यह निर्देश शुक्रवार को कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने भोपाल, रायसेन, विदिशा, सीहोर और राजगढ़ कलेक्टर्स को दिए। इसमें कहा कि सभी जिला अस्पतालों के सिविल सर्जन और जिलों के सीएमएचओ को इस बारे में निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
कलेक्टर्स इसकी माॅनीटरिंग कराएं कि जिला अस्पताल से जो भी मरीज मेडिकल कॉलेज में रैफर किया जाएगा, उसका कारण ड्यूटी डॉक्टर (doctor) को बताना होगा, साथ ही एक सर्टिफिकेट भी मरीज के परिजनों को देना। इस सर्टिफिकेट में यह लिखना होगा कि मरीज को रैफर इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अस्पताल में इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यह निर्देश शुक्रवार को कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने भोपाल, रायसेन, विदिशा, सीहोर और राजगढ़ कलेक्टर्स को दिए। इसमें कहा कि सभी जिला अस्पतालों के सिविल सर्जन और जिलों के सीएमएचओ को इस बारे में निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
कलेक्टर तरूण पिथौड़े ने कहा कि भोपाल जिले में जमीनों से जुड़े नामांतरण, बंटान, सीमांकन सहित अन्य काम समय पर निपटाएं। बैठक मेें आईजी योगेश देशमुख, निगम आयुक्त बी विजय दत्ता आदि भी शामल रहे।