नई दिल्ली। सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल ने शनिवार को अपने सभी कर्मचारियों के लिए जून की सैलरी जारी कर दी है। हालांकि, अभी BSNL को टेलिकॉम डिपार्टमेंट से 14,000 करोड़ रुपये मिलने का इंतजार है। नाम न छापने की शर्त पर एक आधिकारिक सूत्र ने पीटीआई को बताया, 'बीएसएनएल ने अपने इंटरनल स्त्रोतों से करीब 2,000 करोड़ रुपये से सभी कर्मचारियों को जून की सैलरी का भुगतान कर दिया है।'
वैंडर्स का बकाया और बिजली बिल भी चुकाएंगे
कंपनी ने करीब 750 करोड़ रुपये की सैलरी का भुगतान किया है और करीब 800 करोड़ रुपये लोन के ब्याज के तौर पर चुकाए हैं। बाकी पैसा वेंडर्स का बकाया और बिजली के बिल जैसे ऑपरेशनल खर्चों के लिए अप्रूव किया गया है। भारत संचार निगम लिमिटेड ऑल इंडिया यूनियन ऐंड असोसिएशन के संयोजक पी अभिमन्यु ने कहा, 'फाइनैंस डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने पुष्टि कर दी है कि उन्हें जून की सैलरी के लिए फंड मिल गया है और यह सोमवार को कर्मचारियों के अकाउंट में क्रेडिट हो जाएगी।'
पेंशन के पैसे अब तक नहीं मिले
सूत्र के मुताबिक, कंपनी ने अप्रैल में टेलिकॉम डिपार्टमेंट से 14,000 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन अभी तक बीएसएनएल को ये पैसे नहीं मिले हैं। इनमें पेंशन अमाउंट के लिए पैसे, नक्सल प्रभावित इलाकों में मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने के लिए बकाया और BWA स्पेक्ट्रम पर दिए जाने वाले ब्याज (जिसे सरकार को वापस कर दिया गया था) जैसी मांगें शामिल हैं। बीएसएनएल पर कुल करीब 15,000 करोड़ रुपये का कर्ज है जो इंडस्ट्री में सबसे कम है।
कर्मचारी ज्यादा कमाई कम
कंपनी के घाटे में चलने का सबसे मुख्य कारणों में से एक है इसके भत्तों और रेवेन्यू में बड़े अंतर का होना। बीएसएनएल की शुरुआत के समय सरकार ने बहुत सारे कर्मचारियों को बीएसएनएल में ट्रांसफर कर दिया था। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च 2019 तक बीएसएनएल में कुल 1,63,902 कर्मचारी काम कर रहे थे। इनमें से 46,597 एग्जिक्युटिव और 1,17,305 नॉन-एग्जिक्युटिव थे। सरकार वादा कर रही है कि वह बीएसएनएल और एमटीएनएल जैसी पीएसयू के रिवाइवल प्लान पर काम कर रही है और इससे जुड़े प्रस्ताव डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम के पास विचाराधीन हैं।