इंदौर। साढ़े तीन महीने बाद देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में हुई कार्यपरिषद की बैठक में बीएड सेकंड सेमेस्टर के परिणाम के मुद्दे पर हंगामा हुआ। सदस्यों ने कॉपियां जांचने में गड़बड़ी पर चिंता जाहिर की और कहा कि भोपाल-ग्वालियर के सेंटर को ब्लैक लिस्ट किया जाए। साथ ही प्रकरण की जांच नए सिरे से करने पर जोर दिया है। सदस्यों की सहमति के बाद परीक्षा समिति को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं चार नए कोर्स को मंजूरी दी गई। इनके दाखिले सीईटी के जरिए करवाए जाएंगे।
कार्यपरिषद की बैठक समोवार दोपहर 12 बजे शुरू हुई। इसमें बीएड और सीईटी में बदलाव का मुद्दा उठाया गया। बैठक में गोपनीय विभाग की डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर ने बीएड मामले में जानकारी दी। इसे लेकर कार्यपरिषद सदस्य आलोक डाबर ने दोषी मूल्यांकनकर्ताओं पर कार्रवाई के बारे में पूछा। जवाब में कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ ने कहा कि समिति बनाई थी, लेकिन अतिरिक्त संचालक ने व्यस्तता के चलते नाम वापस ले लिया। इसके बाद सदस्यों ने काफी देर मुद्दे पर चर्चा की और निर्णय लिया कि पूरा मामला परीक्षा से जुड़ा है तो परीक्षा समिति ही इसकी जांच करे। साथ ही कॉपी जांचने में गड़बड़ी करने वाले शिक्षकों को मूल्यांकन व्यवस्था से बाहर करने की सिफारिश कर दी। इसके अलावा उन पर कार्रवाई करने पर जोर दिया। सदस्यों ने कहा कि नए सेंटर पर कॉपी जांचने के लिए भेजी जाए। सदस्यों की मानें तो समिति को पंद्रह दिनों में अपनी रिपोर्ट देने को कहा है।
सीईटी में बदलाव और एजेंसी को परीक्षा की जिम्मेदारी देने को लेकर काफी विरोध हुआ। सदस्यों ने कहा कि विश्वविद्यालय ने 15 (4) के अधिकार का इस्तेमाल कर परीक्षा की प्रक्रिया में बदलाव किया है, जो सही नहीं है। यह नीतिगत निर्णय है। इसलिए कार्यपरिषद में प्रकरण रखा जाना चाहिए। फिलहाल सत्र 2019-20 के लिए सीईटी में बदलाव पर सदस्यों ने सहमति दे दी है। वहीं सीईटी में बीएससी (ऑनर्स) के तीन और बीए इकॉनोमिक्स कोर्स को मंजूरी दी है। बीएससी ऑनर्स इन फिजिक्स, मैथ्स और एप्लाइड स्टेटेस्टिक्स विषय शामिल थे। इनके दाखिले इस साल सीईटी से होंगे।