भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा नेता बार-बार दोहराते रहते हैं कि यह सरकार या तो शाम को गिर जाएगी या सुबह गिरा दी जाएगी। एक नेता ने तो सुपारी उठाने वाले डॉन की तरह कहा था 'जिस दिन बॉस का आदेश हो जाएगा, सरकार गिरा दी जाएगी।' लेकिन कमलनाथ ने दिल्ली से एक स्पष्ट संकेत दिया है कि उनकी सरकार सुरक्षित है। बताने की जरूरत नहीं कि कमलनाथ की गिनती उन कांग्रेस नेताओं में होती है जो दूसरी पार्टियों से सहायता हासिल करने का हुनर रखते हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद सीएम कमलनाथ दिल्ली गए। एक बार फिर वो पीएम नरेंद्र मोदी से मिले और सौहार्दपूर्ण माहौल में यह मुलाकात हुई। कमलनाथ ने पीएम नरेंद्र मोदी को दोबारा सत्ता में आने के लिए बधाई दी। सरकारी दस्तावेजों में लिखा गया कि कमलनाथ मध्यप्रदेश की योजनाओं के लंबित फंड को पास कराने के लिए प्रधानमंत्री से मिले लेकिन कमलनाथ की टीम ने इस मुलाकात को ठीक प्रकार से प्रचारित किया। कितनी योजनाएं कितना फंड इसका कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया।
क्या कमलनाथ को मोदी और शाह का आशीर्वाद प्राप्त है!
पिछले दिनों खबरें आ रहीं थीं कि सीएम कमलनाथ के खिलाफ सीबीआई की जांच शुरू होने वाली है। इससे पहले पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान कमलनाथ के लोगों के यहां 'बोरे भर भर के नोट' मिलने की बात कई बार कही थी। लोकसभा प्रचार के दौरान शिवराज सिंह ने भी अपील की थी कि 'एक वोट से 2 सरकार बनाइए'। चुनाव बाद सबकुछ बदल गया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कमलनाथ को उस दौर में मिलने का समय दिया जबकि कमलनाथ पर चुनाव में कालाधन इस्तेमाल करने, सरकारी विभागों से अवैध वसूली करने और मनी लांड्रिंग का आरोप लगाए जा रहे हैं। इस मुलाकात के बाद कई सवाल खड़े हो गए है। सबसे बड़ा सवाल यह कि क्या कमलनाथ को मोदी और शाह का आशीर्वाद प्राप्त हो गया है।