e-TENDER SCAM: नरोत्तम मिश्रा के निजी सचिव और स्टाफ से पूछताछ

भोपाल। करीब 3000 करोड़ रुपए के ई-टेंडर घोटाले में ईओडब्ल्यू ने पूर्व जल संसाधन विकास मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निज सचिव वीरेंद्र पांडे और स्टाफ कर्मचारी निर्मल अवस्थी से बुधवार को पूछताछ की। उनके द्वारा गुजरात की सोरठिया वेलजी कंपनी को डब्ल्यूआरडी के 116 करोड़ रु. के दो टेंडर दिलाने की जानकारी जांच एजेंसी को मिली है। ईओडब्ल्यू के मुताबिक पांडे डब्ल्यूआरडी के कर्मचारी हैं, जबकि अवस्थी विधि विभाग से हैं। जांच एजेंसी ने माइल स्टोन कंपनी के संचालक मनीष खरे को गिरफ्तार किया था, जिसमें इन दोनों के नामों का खुलासा हुआ था। 

नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया था कि घोटाला हुआ ही नहीं

ई-टेंडर घोटाले में ईओडब्ल्यू ने 5 विभागों में अज्ञात नेताओं और अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जिन विभागों में करीब 2972 करोड़ के ई-टेंडर घोटाले में एफआईआर हुई है, उनमें पीएचई, पीडब्ल्यूडी और जलसंसाधन विभाग भी शामिल हैं। घोटाले पर मची सियासी घमासान के बाद अब तत्कालीन जल संसाधन मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान आया था। उनका कहना था ये केवल बदले और दवाब की राजनीति है। प्रदेश में हाल ही में पड़े आयकर के छापे में जो कुछ हुआ वो सबके सामने है। आयकर छापों के बदले में ई टेंडर मामला उछाला जा रहा है। 

घोटाला किस बात का

उन्होंने कहा कमलनाथ सरकार सबसे पहले घोटाले शब्द की व्याख्या करें। यहां जब पैसे का कोई लेनदेने ही नहीं हुआ तो घोटाला किस बात का। नरोत्तम मिश्रा ने साफ कहा कि अधिकारी दबाव में आकर काम न करें और अगर कुछ है तो 4 महीने से दबाकर क्यों बैठे हैं। जो भी बात है साफ कहें, सामने आकर कहें।
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