EMPLOYEE NEWS: सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा के आदेश, भ्रष्ट और मक्कार रिटायर किए जाएंगे

Bhopal Samachar
कर्मचारी समाचार
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए नई पहल की है। इसके तहत केंद्र ने भ्रष्ट और नाकारा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए बैंकों, सार्वजनिक उपक्रमों एवं अपने सभी विभागों से अपने कर्मियों के सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा करने को कहा है। इसकी शुरूआत 15 जुलाई 2019 से होगी।

कार्मिक मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी विभागों से प्रत्येक श्रेणी के कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा पूरे नियम कायदे से करने के साथ यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ जबरन सेवानिवृत्ति की कार्रवाई में मनमानी न हो। 

इसमें कहा गया है, ‘सभी मंत्रालयों/विभागों से आग्रह है कि वे सार्वजनिक उपक्रमों/बैंकों और स्वायत्त संस्थानों समेत अपने प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले विभागों के कर्मचारियों के कामकाज की कायदे कानून और सही भावना के अनुसार समीक्षा करें।’ 

कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि मंत्रालयों या विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक सरकारी कर्मचारी को जनहित में समय से पहले सेवानिवृत्त करने जैसी निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से पालन हो और ऐसा निर्णय मनमाना नहीं हो। सभी सरकारी संगठनों को को हर महीने की 15 तारीख को निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट देने को कहा गया है। 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मूल नियम 56 (जे), (आई) और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1972 के नियम 48 के तहत जारी कार्मिक मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अंतर्गत बैंकों, सार्वजनिक उपक्रमों और केंद्र सरकार के विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों का सेवा रिकार्ड की समीक्षा की जाएगी। ये नियम सरकार को जनहित में उस सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्त करने की अनुमति देता है जिसकी ईमानदारी संदेहास्पद है और जो काम के मामले में कच्चे हैं।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में जनहित में सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद विभाग के 15 अधिकारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त किया। इस महीने की शुरूआत में भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) के 12 अधिकारियों को भी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!