भोपाल। प्रदेश में साफ्टवेयर व सर्वर में तकनीकी बाधा का खामियाजा कर्मचारियों एवं पेंशनरों को भुगतना पड़ रहा है। जिसका समाधान राजधानी से ही संभव है। मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने कहा कि प्रदेश में दिनांक 31 अगस्त 2016 को सेवानिवृत एएनएम के पीपीओ (पेंशन पेटेंट आर्डर) दिसम्बर 2018 में जारी होने के बावजूद जून 2019 में छः माह बाद भी पेंशन का नियमित भुगतान शुरू नहीं हो सका है।
इसी प्रकार नियुक्ति दिनांक से नियमित व तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान का करोड़ों रुपयों का एरियर भी हजारों कर्मचारियों का केंद्रीयकृत भुगतान व्यवस्था होने से अटका पड़ा है। प्रदेश भर के पेंशनरों एवं कर्मचारियों को संतोषप्रद जवाब देने वाला कोई नहीं है। जिलाकोषालय एवं पेंशन अधिकारियों का कहना है कि साफ्टवेयर में तकनीकी बाधा होने से हम कुछ नहीं कर सकते हैं, इसका समाधान राजधानी से ही होगा।
मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ, आयुक्तद्वय मप्र वित्त विभाग एवं कोषलेखा संचालनालय से निवेदन करता है कि कर्मचारियों को देय एरियर के बिल मैन्युअल बनवाकर व पेंशनरों को नियमित पेंशन भुगतान को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए साफ्टवेयर की तकनीकी बाधा तत्काल दूर करवाये यथासंभव वैकल्पिक मार्ग अपनाया जाए। राजधानी से साफ्टवेयर की तकनीकी कमियों एवं अव्वस्थाओं का खामियाजा हजारों कर्मचारियों एवं पेंशनरों को भुगतना पड़ रहा है वहीं तकनीकी व्यवस्था पर भरोसा कम होता जा रहा है।