EPF, PPF और GPF में क्या अंतर होता है, यहां समझिए | WHAT IS THE DIFFERENCE BETWEEN EPF, VPF AND PPF

Bhopal Samachar
देश में तीन तरह के भविष्य निधि खातों (PROVIDENT FUND) की सुविधा है। इसमें पहला है, कर्मचारी भविष्य निधि (EMPLOYEE PROVIDENT FUND) यानी EPF, दूसरा सामान्य भविष्य निधि (GENERAL PROVIDENT FUND) यानी GPF और तीसरा है, सार्वजनिक भविष्य निधि (PUBLIC PROVIDENT FUND) यानी PPF. भविष्य निधि खातों के लिए किए गए योगदान आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर योग्य आय में कटौती के लिए योग्य हैं। इन भविष्य निधि खातों पर ब्याज दर की समीक्षा सरकार द्वारा समय-समय पर की जाती है।

ईपीएफ एक अनिवार्य रिटायरमेंट सेविंग साधन है और इसमें योगदान कर्मचारियों के वेतन से दिया जाता है। GPF या सामान्य भविष्य निधि एक भविष्य निधि खाता है जो केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है और PPF यानी सार्वजनिक भविष्य निधि खाते बैंकों और डाकघरों द्वारा आम जनता के लिए पेश किए जाते हैं।

EPF ACCOUNT FOR COMPANY EMPLOYEES

अगर किसी कंपनी में 20 से अधिक लोग काम करते हैं तो उन कंपनियों को अनिवार्य रूप से ईपीएफ के लिए योगदान करना होता है। कर्मचारी और नियोक्ता दोनों ईपीएफ के लिए समान योगदान करते हैं। यानी EPF अकाउंट में प्रतिमाह यदि 1000 रुपए कर्मचारी के वेतन से कटकर जमा होता है तो इतना ही पैसा कंपनी को भी उसके खाते में जमा कराना पड़ता है। यानी जमा होते ही कर्मचारी का धन 2 गुना हो जाता है और फिर उस पर सरकार ब्याज देती है जो बैंक एफडी से ज्यादा होता है। पिछले महीने, वित्त मंत्रालय ने 2018-19 के लिए ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर को मंजूरी दी थी।


स्थायी रूप से नौकरी छोड़ने के दौरान ईपीएफ खाता बंद किया जा सकता है। इसे सेवानिवृत्ति तक कंपनियों को बदलते समय भी स्थानांतरित किया जा सकता है। ईपीएफ खाते के मामले में कुछ परिस्थितियों जैसे घर की खरीद/निर्माण, ऋण का पुनर्भुगतान, स्वयं/बेटी/बेटे/भाई की शादी या परिवार के सदस्यों के चिकित्सा उपचार आदि के लिए आंशिक निकासी की अनुमति है।

GPF ACCOUNT FOR GOVERNMENT EMPLOYEES

यह भविष्य निधि खाता केवल सरकारी कर्मचारी के लिए होता है जिसमें कर्मचारी एक निश्चित प्रतिशत राशि का योगदान कर जीपीएफ का सदस्य बनता है। GPF के नियमों के अनुसार, एक वर्ष की निरंतर सेवा के बाद सभी अस्थायी सरकारी कर्मचारी, सभी पुन: नियोजित पेंशनभोगी (योगदानकर्ता भविष्य निधि में प्रवेश के लिए पात्र के अलावा अन्य) और सभी स्थायी सरकारी कर्मचारी GPF की सदस्यता के लिए पात्र हैं। वर्तमान में, GPF पर ब्याज की दर 8 प्रतिशत है।

एक जीपीएफ खाताधारक मासिक आधार पर जीपीएफ में योगदान कर सकता है। हां व्यक्तिगत निलंबन के दौरान यह योगदान नहीं हो सकता। सामान्य भविष्य निधि की सदस्यता को सेवानिवृत्ति की तारीख से तीन महीने पहले रोक दिया जाता है. एक अंशधारक के रूप में कर्मचारी की सेवानिवृत्ति पर, अंतिम शेष राशि के तत्काल भुगतान के लिए निर्देश जारी किए जाते हैं।

PPF ACCOUNT FOR ALL COMMON PUBLIC

पब्लिक प्रॉवीडेंट फंड में भारत का कोई भी नागरिक जो किसी कंपनी या सरकार का कर्मचारी नहीं है, योगदान कर सकता है। कोई भी व्यक्ति अपने बैंक या डाकघर में PPF अकाउंट खुलवा सकता है। इसमे भी बैंक एफडी से ज्यादा ब्याज मिलता है और इसके फीचर्स भी ईपीएफ या जीपीएफ जैसे ही हैं। बस इतना है कि इसमें नियोक्ता की तरफ से मिलने वाला योगदान प्राप्त नहीं होता परंतु सरकार की तरफ से ब्याज जरूर मिलता है। 
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