ESIC में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का अंशदान घटाया | EMPLOYEE NEWS

नई दिल्ली। सरकार (GOVERNMENT OF INDIA) ने स्वास्थ्य बीमा योजना (ईएसआईसी) [HEALTH INSURANCE SCHEME - ESIC] में कर्मचारियों और नियोक्ता का कुल अंशदान 6.5% से घटाकर 4% कर दिया है। श्रम मंत्रालय के मुताबिक नियोक्ता को 4.75% की बजाय 3.25% और कर्मचारी को 1.75% की बजाय 0.75% अंशदान देना होगा। मंत्रालय ने गुरुवार को इसका ऐलान किया। नई दरें 1 जुलाई से लागू होंगी।

श्रम मंत्रालय ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि इससे 3.6 करोड़ कर्मचारियों और 12.85 लाख नियोक्ताओं को फायदा होगा। कंपनियों को सालाना 5,000 करोड़ रुपए की बचत होगी। 2018-19 में 12.85 लाख नियोक्ताओं और 3.6 करोड़ कर्मचारियों ने ईएसआई स्कीम में 22,279 करोड़ रुपए का योगदान दिया था। सरकार ने 1 जनवरी 2017 से ईएसआई का दायरा बढ़ाकर 21,000 रुपए तक मासिक वेतन वाले कर्मचारियों को इसमें शामिल किया था। पहले 15,000 रुपए तक सैलरी वाले कर्मचारियों को इसका लाभ मिलता था।

About ESIC 

The promulgation of Employees' State Insurance Act, 1948(ESI Act), by the Parliament was the first major legislation on social Security for workers in independent India. It was a time when the industry was still in a nascent stage and the country was heavily dependent on an assortment of imported goods from the developed or fast developing countries. The deployment of manpower in manufacturing processes was limited to a few select industries such as jute, textile, chemicals etc. The legislation on creation and development of a fool proof multi-dimensional Social Security system, when the country's economy was in a very fledgling state was obviously a remarkable gesture towards the socio economic amelioration of a workface though limited in number and geographic distribution. India, notwithstanding, thus, took the lead in providing organized social protection to the working class through statutory provisions.

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