मल्टीप्लेक्स और मॉल (MULTIPLEX OR MALL) या ऐसे ही कुछ स्थानों पर आपने ध्यान दिया होगा कि टॉयलेट का दरवाजा (TOILET DOOR) नीचे से थोड़ा खुला होता है। यानी टॉयलेट का दरवाजा जमीन से थोड़ा ऊपर से शुरू होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है।
आनंद शंकर बताते हैं कि फर्श और दरवाज़े के बीच में इतना ज़्यादा गैप होता है कि वो दरवाज़ा कम और खिड़की ज़्यादा लगता है। इस गैप को रखने का भी कुछ सार्थक उद्देश्य है जैसा कि वहां के टॉयलेट्स दिन भर इस्तेमाल होते रहते हैं। जिससे फर्श लगातार खराब होता रहता है। फर्श और दरवाज़े के बीच जगह होने से टॉयलेट में पोंछा लगाना आसान हो जाता है, वाइपर और मॉप घुमाने में आसानी होती है।
दूसरा, जब टॉयलेट के अंदर मेडिकल इमरजेंसी हो गई और दरवाज़ा बंद होने से बाहर लोगों को पता चल जाएगा। कुछ नहीं तो बाहर से ये दिखता रहेगा कि कोई बड़ी देर से अंदर है और बाहर नहीं आ रहा/रही है।
तीसरा, कभी-कभी छोटे बच्चे अंदर से टॉयलेट लॉक कर लेते हैं और उन्हें समझ नहीं आता कि लॉक खोलें कैसे। अगर बच्चे की मदद के लिए कोई न हो, तो बच्चे दरवाज़े के नीचे से बाहर निकल सकते हैं।
और चौथा उद्देश्य ये भी है कि ऊंचे दरवाज़े से बाहर वाले को आपके पैर दिखते रहते हैं। इससे कोई भूल कर भी अंदर जाने की ग़लती नहीं करेगा और ना ही खटखटाकर आपको तंग करेगा।