भारत में बहुत सारे लोग, यानी आधे से भी ज्यादा लोग अपने एंड्राइड स्मार्टफोन में डाटा पैक सिर्फ इसलिए डलवाते हैं क्योंकि वो WHATSAPP चलाते हैं, परंतु अब गूगल आपके एंड्राइड मोबाइल में पहले से मौजूद SMS वाले एप को कुछ इस तरह का बनाने जा रहा है कि आपको WHATSAPP की जरूरत ही खत्म हो जाएगी। यह बिना इंटरनेट के चलने वाला WHATSAPP जैसा होगा जो आपकी सेवा प्रदाता संचार कंपनी के SMS पैक के माध्यम से चलेगा।
खबर आ रही है कि गूगल की आरसीएस तकनीक की मदद से साधारण टेक्स्ट मैसेज एसएमएस को व्हाट्सएप की खूबियों वाले चैटिंग के समान पहुंचाया जा सकता है। इसके लिए गूगल बीते कई सालों से प्रयास कर रहा है ताकि वह अपने यूजर को बेहतरीन मैसेजिंग सुविधा उपलब्ध करा सके। आरसीएस तकनीक आने के बाद यूजर अपने एसएमएस एप से ही किसी को भी कहीं से भी मल्टीमीडिया मैसेज भेज सकेंगे। इसकी मदद से यूजर अपने दोस्त या परिजन को पसंदीदा तस्वीरें, जीआईएफ, इमोजी, स्टिकर, वीडियो और ऑडियो मैसेज शेयर कर सकेंगे। टेक जगत के मुताबिक, गूगल इस जून के बाद ब्रिटेन और फ्रांस में एसएमएस मैसेजिंग एप को बदल सकता है।
असफलताओं की सीढ़ी पर चढ़कर सफलता की प्राप्ति
ऐसा पहली बार नहीं है जब गूगल अपना आरसीएस तकनीक से लैस एप लेकर आ रहा है। इससे पहले ‘एलो’ और ‘मैसेज’ नाम का एप आ चुका है। लेकिन दोनों में से किसी भी एप को सफलता नहीं मिल पाई और न ही दोनों में से एक भी व्हाट्सएप को पछाड़ पाया। गूगल नई रणनीति के तहत आरसीएस से लैस नया मैसेजिंग एप पेश करने वाला है, जो सीधे मैसेजिंग एप की जगह ले लेगा।
एप्पल ने की थी शुरुआत
एप्पल पहले ही आईमैसेज जारी कर चुका है। यह आरसीएस तकनीक से लैस है। आईफोन यूजर इसकी मदद से फोटो, टेक्स्ट और वीडियो भेज सकते हैं। इसकी सीमा यह है कि यह सिर्फ आईमैसेज उपयोगकर्ता तक ही फोटो व वीडियो भेज सकते हैं जबकि टेक्स्ट किसी को भी भेजे जा सकते हैं।
व्हाट्सएप के 20 करोड़ यूजर हैं:
गूगल का मैसेजिंग एप हो या फिर अन्य एप हर कोई व्हाट्सएप को पछाड़ना चाहता है। लेकिन व्हाट्सएप के 20 करोड़ सक्रिय यूजर हैं। 2012 के जून में मोविस्टार नामक सर्विसकर्ता ने स्पेन में आरसीएस तकनीक को सबसे पहले लॉन्च किया था।