ग्वालियर। माैत के 178 दिन बाद रोमन कैथोलिक वर्ग के ग्वालियर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष (बिशप) डॉ. थोमस थेन्नाट के शव काे साेमवार काे कोर्ट के आदेश से कब्र खोदकर निकाल गया। शव का फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के डॉ.चंद्रशेखर बाघमारे, डॉ.एमएल माहौर, डॉ.निखिल अग्रवाल ने पोस्टमार्टम किया। शव का काफी हिस्सा सुरक्षित था, कुछ ही हिस्सा कंकाल में परिवर्तित हुआ था।
इसलिए पीएम में यह स्पष्ट हो गया कि बिशप के सिर और छाती में चोट लगी थी। इससे उनकी मौत हुई। चोट कैसे लगी, यह स्पष्ट नहीं है। डाॅक्टराें ने बिसरा जांच के लिए सुरक्षित किया है। इस जांच से सामने आ जाएगा कि उन्हें कोई नशीला या जहरीला पदार्थ तो नहीं दिया था। किसी बिशप का शव कब्र से निकालकर पीएम कराए जाने का यह संभवत: पहला मामला है।
14 दिसंबर 2018 को सड़क हादसे में हुई थी मौत
14 दिसंबर 2018 को बिशप श्योपुर के सेंट पायस स्कूल के वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। रात में वह कार से ग्वालियर लौट रहे थे। श्योपुर-पोहरी के बीच उनकी कार अनियंत्रित होकर पलट गई थी। इसमें उनकी मौत हो गई थी। कार उनका ड्राइवर जय जॉनस चला रहा था और वह ड्राइवर के बगल वाली सीट पर ही बैठे थे।
11 मई को जेएमएफसी पोहरी निधि नीलेश श्रीवास्तव ने पोहरी पुलिस को आदेश दिया कि शव को कब्र से निकालकर पीएम और मौत की जांच की जाए, फिर 17 जून तक प्रतिवेदन कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए। इसके चलते सोमवार को शव निकलवाया गया।
मुझे संदेह है कि बिशप की मौत सामान्य नहीं है। ऐसा कैसे हो सकता है कि कार में सिर्फ बिशप को ही चोट लगी और उनकी मौत हो गई। जबकि कार में ड्राइवर के अलावा फादर जोसेफ एम.और डीकेन लूर्थ भी सवार थे। तीनों को खरोंच तक नहीं आई। अगर यह लोग सही थे तो शव का उस समय पीएम क्यों नहीं कराया गया। उसी समय मौत का कारण सामने आ जाता। -डॉली टेरेसा, (मामले काे काेर्ट ले जाने वालीं)