ग्वालियर। दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराने एक पत्नी ने अपनी ही शादी का पति के नाम से जाली प्रमाण पत्र बनवाकर न्यायालय में पेश किया। घटना वर्ष 2011 से अभी तक की है। जब पति को कोर्ट में इस दस्तावेज का पता लगा तो उसने आरटीआई के तहत जानकारी निकाली। इसके बाद प्रमाण पत्र के जाली होने का पता चलते ही कोतवाली थाना में मामले की शिकायत की है। शिकायत पर जांच के बाद पुलिस ने महिला, उसके पिता, एक गवाह व नोटरी करने वाले के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
कोतवाली थाना प्रभारी अजय चानना ने बताया कि शिवपुरी निवासी आशीष (Ashish Wadhwa) पुत्र गोविंद राम बाधवा (Govind Ram Wadhwa) पेशे से इंजीनियर है। अभी हाल में वह सिटी सेंटर में रहते हैं। वर्ष 2011 में आशीष की शादी निधि से हुई थी। विवाह के बाद उनके बीच संबंध ठीक नहीं चले और निधि ने उसके खिलाफ दहेज प्रताड़ना केस दर्ज कराया। मामला कोर्ट में पहुंचा। जब कोर्ट में केस आगे चला तो आशीष को पता लगा कि उसकी पत्नी ने नगर निगम से जारी मैरिज सार्टिफिकेट (Marriage certificate)लगाया है। जबकि उसको ध्यान था कि सर्टिफिकेट तो बनवाया ही नहीं था। इसके बाद आशीष ने आरटीआई लगाकर शादी के प्रमाण पत्र की डिटेल निकलवाई। इसके बाद पता लगा कि शादी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन आशीष के नाम से ही लगाया गया था। फार्म में दर्ज हस्ताक्षर चेक किए तो पता चला कि वह भी आशीष के नहीं थे। एड्रेस के स्थान पर उसकी मौसी का पता लक्ष्मीबाई कॉलोनी दर्ज है।
प्रमाण पत्र जाली होने का यकीन होते ही उसने कोतवाली थाने में शिकायत की थी। पुलिस ने जांच की तो पता लगा कि प्रमाण पत्र बनाने लगा स्टाम्प, स्टाम्प विक्रेताउमेश राठौर से खरीदा गया है और जब उसके दस्तावेज चेक किए तो पता चला कि रजिस्टर में उसकी एण्ट्री ही नहीं है। इसके बाद पुलिस ने आशीष की पत्नी निधि, ससुर रविशंकर, गवाह शिव प्रकाश, रामगोपाल, नोटरी करने वाले एमडी डिसोरिया तथा स्टाम्प विक्रेता उमेश राठौर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।