ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हाई कोर्ट की युगलपीठ ने जनहित याचिका का जवाब पेश नहीं करने पर पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, चित्रांगदा राजे सिंधिया व माधवी राजे सिंधिया (Jyotiraditya Scindia, Chitrangada Raje Scindia and Madhavi Raje Scindia) पर 10 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। साथ ही दो सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है। सिंधिया पर महलगांव हलके में शासकीय जमीन बेचने का आरोप है।
उपेंद्र चतुर्वेदी ने वर्ष 2014 में जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि महलगांव हलके का सर्वे क्रमांक 1211 व 1212 भूमि शासकीय है। इस जमीन को बेचा नहीं जा सकता, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके ट्रस्ट ने जमीन नारायण बिल्डर्स को बेच दी। बिल्डर ने जमीन पर बहुमंजिला इमारत खड़ी कर दी। उन्होंने मांग की थी कि जमीन की रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर मामले की जांच कराई जाए।
कोर्ट ने शासकीय भूमि के विक्रय पर सिंधिया परिवार के तीनों सदस्यों को जवाब पेश करने का आदेश दिया था, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आ रहा था। कोर्ट ने चेतावनी भी दी, लेकिन अनसुना कर दिया। उनके वकील बार-बार समय ले रहे थे।
बुधवार को फिर इस जनहित याचिका की सुनवाई थी, लेकिन सिंधिया की ओर से कोई जवाब नहीं आया। इसके चलते कोर्ट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया, ज्योतिरादित्य की बहन चित्रांगदा राजे सिंधिया और ज्योतिरादित्य की माता माधवी राजे सिंधिया पर 10 हजार रुपए का हर्जाना लगा दिया है। इसके अलावा दो सप्ताह में तीनों को जवाब पेश करने का आदेश दिया है।