हरदा। कांग्रेस नेता सुखराम बामने को मोबाइल पर गालियां देने के मामला आज फिर कोर्ट पहुंचा। आरोपी विधायक कमल पटेल के बेटे सुदीप पटेल ने उसकी जमानत निरस्त करने फरियादी सुखराम की ओर से अवनि बंसल द्वारा लगाई आपत्ति पर गुरुवार को स्वयं पक्ष रखा। सुदीप ने कहा कि हरदा में उसकी पैरवी के लिए कोई भी वकील तैयार नहीं है। इस कारण उसे अपना पक्ष रखने के लिए बाहर से वकील लाना पड़ेगा। इसमें समय लगेगा। उसने कोर्ट से 12 दिन का समय मांगा। कोर्ट ने 5 दिन का समय दिया। वहीं इस मामले के सह आरोपी राजेश जाट को 50 हजार रुपए की जमानत दी।
28 अप्रैल की रात सुखराम बामने को सुदीप पटेल ने मोबाइल पर गालियां दी थी। 20 जून को विशेष कोर्ट से उसे जमानत मिली। फरियादी बामने की ओर से उसकी जमानत पर आपत्ति लगाई थी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुदीप पटेल ने कहा कि यह केस हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट भी जा सकता है। दूसरे पक्ष ने दिल्ली से वकील बुलवाए हैं। हरदा के वकील उसकी पैरवी को राजी नहीं हैं। उसे बाहर से वकील लाने के लिए समय दिया जाए। वकील अवनि बंसल ने कहा कि जमानत वाले दिन उसकी ओर से हरदा के कई वकील मौजूद थे। जिनकी दलील के बाद जमानत दी गई। क्या आज की पैरवी के लिए उन्होंने किसी वकील से संपर्क किया। लेकिन कोर्ट ने 2 जुलाई तक का समय दिया।
मीडिया को पुलिस ने रोका, वकील ने बताया स्वतंत्रता का हनन
सह आरोपी राजेश जाट की जमानत पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 50 हजार रुपए की जमानत मंजूर की। सुखराम की ओर से शेख मुईन, आदित्य गार्गव, हेमंत टाले मौजूद रहे। मामला पूर्व मंत्री व मौजूदा भाजपा विधायक कमल पटेल के बेटे से जुड़ा होने से हाई प्रोफाइल हो गया। सुनवाई के दौरान न्यायालय परिसर में मीडियाकर्मी भी थे। जिन्हें पुलिस ने रोक दिया। कारण पूछने पर सुरक्षा के लिहाज से रोक की बात कही। सुप्रीम कोर्ट की वकील अवनि बंसल ने इसे प्रेस की स्वतंत्रता का हनन बताते हुए आपत्ति जताई।