यात्रियों के रात्रि विश्राम के लिए कुछ अस्थाई आवास बनाए जाते हैं। यहां प्रतिदिन के मान से किराया लेकर यात्रियों को विश्राम की सुविधाएं दीं जातीं हैं। होटल और मोटल दोनों में रात्रि विश्राम की सुविधाएं होतीं हैं, तो प्रश्न यह है कि एक ही प्रकार की सुविधाएं देने वाले भवनों को अलग अलग नाम से क्यों पुकारा जाता है। HOTEL और MOTEL में क्या अंतर होता है। आइए जानते हैं। 1975 से 2015 तक भारतीय रेल को सेवाएं दे चुके राजेंद्र अग्निहोत्री बताते हैं कि
होटल में किस तरह की सुविधाएं मिलतीं हैं
होटल में रहने के लिए आरामदायक कमरे होते हैं। होटलों का वर्गीकरण उसमें दी गयी सुविधाओं के अनुसार किया जाता है। उसे स्टार दिये जाते हैं 3, 5 या 7 स्टार। होटल में स्वीमिंग पूल, जिम, लाउंडरी, स्पा, बुटीक, बेन्क्वेट हाल और एक या अनेक रेस्टोरेंट होते हैं उसकी स्टार केटेगरी के अनुसार।
मोटल में किस तरह की सुविधाएं मिलतीं हैं
मोटल में केवल रहने के लिए कमरे होते हैं। ये मुखयतः कम बजट वाले टूरिस्टों द्वारा रात में सोने के लिए उपयोग किये जाते हैं। मोटल में होटल जैसी दूसरी सुविधाएं जैसे रेस्टोरेंटों, जिम, लाउंडरी, स्वीमिंगपूल जैसी सुविधाएं नहीं होतीं। मोटल शहर से दूर किसी टूरिस्ट प्लेस, किसी बड़े गार्डन में भी हो सकते हैं। मोटल में रेस्टोरेंटों जरूर नहीं होते लेकिन आपको रूम सर्विस में चाय, काफी और स्नैक्स मिल जायेंगे।
MOTEL शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई
Motel शब्द Hotel में H के स्थान पर M जोड़कर बनाया गया है क्योंकि विदेशों में (खासकर) अमेरिका जैसी जगहों पर दूर दूर का प्रवास रोड से किया जाता है और इन Motorways पर आसपास बस्ती नहीं होती। इसके चलते Hotel बनाना फायदेमंद नहीं होता क्योंकि ये अधिकतर मुसाफ़िर गाड़ियों और ट्रक चलाने वाले इस्तेमाल करते हैं। इसलिए Hotel on motorways होने की वजह से ये Motel कहे जाते हैं। और इनमें सिर्फ बुनियादी सुविधाएं होती हैं और अक्सर इनका rate घंटे के दर से होता है, दिन के दर से नहीं। लोग अक्सर यहां नहाने धोने और नित्य कर्म निपटा कर थोड़ा आराम अपना सफर जारी रखते हैं।