इंदौर। समाज के कमजोर वर्ग के लोगों का पक्ष कोर्ट के सामने रखने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने अधिवक्ताओं का पेनल तैयार कर लिया है। गरीबों की तरफ से पैरवी करने के लिए 480 वकील सामने आए हैं। गरीबों का केस अब जिस तरह का होगा, उसी के अनुरूप विशेषज्ञ अभिभाषक उनकी पैरवी करेंगे। इसके बदले सरकार वकीलों को 500 से लेकर छह हजार रुपए तक मानदेय देगी। दो साल बाद पेनल का गठन हुआ है।
हर जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का कार्यालय होता है। जब आवेदक या पीड़ित व्यक्ति निर्धन होता है, तब उन्हें पैरवी के लिए सरकार की तरफ से वकील उपलब्ध कराया जाता है। न सिर्फ वकील की फीस बल्कि टाइपिंग व अन्य खर्च भी शासन वहन करता है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने दो साल पहले वकीलों की पेनल बनाई थी। अब तक इसमें सौ से डेढ़ सौ वकील होते थे। हाल ही में प्राधिकरण ने नई पेनल घोषित कर दी है। इस बार पेनल में 480 वकील शामिल किए गए हैं। इसमें पहली बार प्रकरण की प्रकृति के अनुरूप वकील रखे गए हैं।
यानी आपराधिक मामलों में आपराधिक केसों के विशेषज्ञ, जमीन-जायदाद या संपत्ति संबंधी विवाद में सिविल विशेषज्ञ, रेवेन्यू मामलों में रेवेन्यू कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील, उपभोक्ता फोरम से जुड़े मामलों में गरीबों की तरफ से पैरवी के लिए उपभोक्ता फोरम के वकील, पारिवारिक विवादों में पैरवी के लिए फैमिली कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील नियुक्त किए गए हैं। पेनल में शामिल वकीलों की सूची संबंधित न्यायालयों में पहुंच भी गई है।
प्रकरण की प्रकृति के हिसाब से होगा मानदेय
गरीबों की तरफ से पैरवी के बदले में वकीलों को 500 रुपए से लेकर 6 हजार रुपए तक मानदेय दिया जाएगा। यह प्रकरण की प्रकृति के हिसाब से अलग-अलग होगा। घरेलू हिंसा के केस में 500 रुपए, पारिवारिक विवाद में 1100, मजिस्ट्रेट ट्रायल 1500 रुपए, सत्र प्रकरण में 4 से 6 हजार रुपए की फीस वकील को शासन की तरफ से भुगतान की जाएगी। उल्लेखनीय है कि पेनल में शामिल होने के लिए शासन ने जनवरी में इंदौर अभिभाषक संघ के माध्यम से आवेदन बुलवाए थे।
पेनल तैयार कर सूची भेजी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने निर्धन वर्ग की तरफ से पैरवी करने के लिए वकीलों की पेनल तैयार कर ली है। एक निगरानी कमेटी भी है जो वकीलों के काम पर नजर रखती है। इसी की रिपोर्ट के आधार पर वकीलों को केस अलॉटमेंट किया जाता है। पेनल में 480 वकील शामिल हैं। -सुभाष चौधरी, जिला विधिक सहायता अधिकारी