इंदौर। जबलपुर चिकित्सा विश्वविद्यालय की परीक्षा फीस ज्यादा होने का हवाला देकर मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) से उन्हीं के अधीन परीक्षा कराने की गुहार लगाई। पिछले सप्ताह आवेदन भी दिया था। हालांकि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने नियमों का हवाला देते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया है।
फरवरी में समन्वय समिति के आदेश के बाद मेडिकल की सभी परीक्षाएं जबलपुर मेडिकल विश्वविद्यालय में ट्रांसफर हो चुकी हैं। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ.अशेष तिवारी का कहना है कि एमबीबीएस और बीडीएस के बैक की परीक्षा होनी है। डीएवीवी में जहां 8 हजार रुपए फीस होती थी, वहीं जबलपुर विश्वविद्यालय में दोगुनी फीस वसूली जा रही है। एक या दो प्रश्नपत्र के लिए इतनी फीस देना विद्यार्थियों को भारी पड़ रहा है।
कुलपति डॉ. नरेंद्र धाकड़ को भी जानकारी दी गई, परंतु समिति के फैसले के खिलाफ जाने से उन्होंने साफ मना कर दिया है। परीक्षा विभाग के डिप्टी रजिस्ट्रार प्रज्जवल खरे का कहना है कि समन्वय समिति के फैसले के आधार पर विश्वविद्यालय ने मेडिकल की परीक्षाओं से जुड़ा सारा डाटा जबलपुर विश्वविद्यालय को भेज दिया है। साथ ही मुख्य व बैक बैच की परीक्षाएं भी वहीं ट्रांसफर कर दी गई हैं।