इंदौर। जब पुलिस नहीं सुनती है तो पीड़ित महिलाएं हमारे पास आती हैं। हम भी पुलिस के माध्यम से ही उनकी मदद करते हैं। कई मामले ऐसे होते हैं, जिनमें जांच प्रक्रिया में ही तीन से चार साल लगा दिए और कोर्ट में केस ही प्रस्तुत नहीं किया। यह गंभीर बात है। यह बात सोमवार को इंदौर आईं महिला आयोग की राष्ट्रीय अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कही। वे इंदौर में महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों की सुनवाई करने आई थीं। उनके सामने 35 मामले रखे गए। बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों पर उन्होंने कहा कि जिस तरह का माहौल बच्चे घर में देख रहे हैं, वैसे ही उनकी सोच बन रही है।
उन्होंने आसानी से मिल रहे फ्री इंटरनेट को भी इसका जिम्मेदार माना। उन्होंने बताया कि विदेशों की तुलना में भारत में इंटरनेट सस्ता और पहुंच आसान है। उन्हें यह नहीं पता कि कौन सी साइट देखना है। कौन सी नहीं, जबकि विदेशों में लोगों में परिपक्वता भारत की तुलना में ज्यादा है। आज-कल हम हर बच्चे को फोन पकड़ा देते हैं, जिसमें इंटरनेट भी होता है।
ये भी बताया-यौन उत्पीड़न के एक मामले में पीड़िता को पुलिस ने कहा- ताली दोनों हाथ से बजती है : आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा- मेरे पास 2012, 2014 और 2017 के ऐसे मामले आए हैं, जिसमें पुलिस ने चार्जशीट ही फाइल नहीं की। अभी कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न का ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें पीड़िता ने बताया कि जब वह पुलिस के पास गई तो उससे कहा गया कि ताली दोनों हाथ से बजती है, अगर पुलिस की सोच ऐसी है तो सोचिए कि केस किस तरह से बनेगा। यदि लग रहा है कि झूठा केस है, तब भी जांच तो करो। उससे पहले झूठा केस कैसे करार दे सकते हैं।
दरअसल, मामला 2017 का है। दोनों एक शासकीय संस्था में कार्यरत हैं। इंदाैर की पीड़िता अपने सहकर्मी के साथ मुंबई में एक वर्कशॉप में शामिल होने गई थी। वहां पीड़िता के साथ अभद्रता हुई। इंदौर लौटकर उन्होंने प्रबंधन से इसकी शिकायत की। इसके बाद थाने में भी शिकायत की गई, जहां तत्कालीन SI ने महिला से इसी अंदाज में बात की थी। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी अपराध शाखा पल्लवी शुक्ला ने बताया कि हीरानगर थाने की इस तरह की शिकायत आई है।
दुष्कर्म, दुष्कर्म होता है, फिर वह किसी के भी साथ हो : आरजेडी के एक विधायक द्वारा अश्लीलता को लेकर की गई एक टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को पहले हैंग करना चाहिए। इनके ऊपर दोहरी जिम्मेदारी होती है। लीड करने वाले लोग ही दूसरों को खाई में धकेल रहे हैं और ऐसे लोगों को सबसे पहले सजा देनी चाहिए।
उप्र में योगी सरकार के मंत्री उपेंद्र तिवारी की टिप्पणी को लेकर उन्होंने कहा कि यह गंभीर और दुखद है। रेप, रेप होता है। चाहे वह किसी उम्रदराज महिला के साथ हो, शादीशुदा महिला के साथ हो या बच्ची के साथ। यह सही बात है कि बच्चा अपने आप की सुरक्षा नहीं कर सकता, लेकिन क्या महिला के साथ ऐसी कोई घटना होगी तो उसे रेप नहीं कहेंगे। यह उतना ही बड़ा अपराध है, जितना बड़ा अपराध छोटे बच्चों के साथ।