इंदौर। यहां राजनीति इन दिनों कुछ दक्षिण भारत की नजर आ रही है। भाजपा के नेताओं का एक बड़ा समूह विधायक आकाश विजयवर्गीय द्वारा नगर निगम अधिकारी की क्रिकेट बैट से पिटाई को उचित ठहराते हुए उनके समर्थन में धरने पर बैठा। वहीं एक और युवक ने आत्महत्या का प्रयास किया। बता दें कि इससे पहले भी एक युवक सुसाइड के लिए खुद पर तेल डाल चुका है। आज जिसने आकाश के समर्थन में सुसाइड की कोशिश की उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
भाजपा के कई बड़े नेता विजयवर्गीय के समर्थन में नहीं आए
राजबाड़ा पर आज भाजपा के विरोध प्रदर्शन के दौरान एक युवक अमित पिता राजू सोनकर निवासी पालदा ने मारपीट के आरोपी विधायक के समर्थन में आत्मदाह का प्रयास किया जिसे वहां उपस्थित लोगों ने विफल कर दिया। राजबाड़ा पर दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ प्रदर्शन शाम 4 बजे तक चला। प्रदर्शन के दौरान भाजपा में आपसी फूट भी देखी गई, कई बड़े नेता नदारद थे।
विधायक से पिटे अधिकारी का दहशत के कारण बीवी बढ़ गया, भर्ती
विधायक आकाश ने जिस निगमकर्मी धीरेन्द्र बायस की क्रिकेट के बल्ले से पिटाई की थी उन्हें गुरुवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बायस को सीने में दर्द की शिकायत थी। ग्रेटर कैलाश अस्पताल की डॉक्टर सोनाली जैन के अनुसार घबराहट, जकड़न और दर्द की शिकायत थी। जांच में उनका ब्ल्ड प्रेशर हाई था जिसके चलते उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है।
आकाश के साथ इलाके का हिस्ट्रीशीटर भी था
पिटाई कांड में विधायक विजयवर्गीय के साथ पुलिस ने 10 अन्य लोगों पर पहले दिन ही मुकदमा दर्ज कर लिया था। वहीं गुरुवार को पुलिस ने मामले में शामिल 6 अन्य आरोपियों पर भी प्रकरण दर्ज किया है। जिन लोगों पर गुरुवार को प्रकरण दर्ज किया गया है उनमें भरत खस, मोनू कल्याणे, निकुल शर्मा, जीतू खस, अभिषेक गौड़ और पंकज पांडे शामिल है। इन आरोपियों में शामिल मोनू कल्याणे निगम का बर्खास्त कर्मचारी था। भरत खस भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा का पदाधिकारी है, जो एमजी रोड थाने का सूचिबद्ध गुंडा है। खस पर 6 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज है। वहीं शुक्रवार को राजबाड़ा पर आत्मदाह का प्रयास करने वाले अमित सोनकर पर भी कई अपराध दर्ज है।
अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के मोबाइल उठाना चाहिए
धरने में पहुंचे पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता ने कहा कि आकाश विजयवर्गीय पर दुर्भावनापूर्ण तरीके से कार्रवाई की गई है। महिलाएं पुलिस के पास रिपोर्ट लिखाने गईं, लेकिन वहां उनकी सुनवाई नहीं हुई। पुलिस ने कांग्रेसियों के इशारे पर एकतरफा कार्रवाई की गई। उन्होंने बैट मारने के मामले मे कहा कि उन्होंने जो किया, वह मामला कोर्ट में है। इस प्रकार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है, ऐसा नहीं होना चाहिए। हालांकि जनप्रतिनिधियों की बात को अधिकारियों को सुनना चाहिए। उनके मोबाइल को उठाना चाहिए।
आकाश ने बैट से मारा नहीं था, प्यार जताया था
विधायक महेंद्र हार्डिया ने कहा कि आकाश युवा हैं जोशीले हैं, उनसे पीड़ित बहनों का दर्द देखा नहीं गया और इस प्रकार की घटना हो गई। हम पुलिस और प्रशासन से मांग करते हैं कि कार्रवाई एक जैसी होनी चाहिए। जनप्रतिनिधियों के समक्ष कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं, जब वह अपना आपा खो बैठता है। आकाश के साथ भी कुछ वैसा ही हुआ। आकाश से निगम अधिकारी को बैट नहीं मारा, प्यार से धकेला था।
ननि की कार्रवाई के विरोध में वकीलों ने दो घंटे काम बंद रखा
उधर, नगर निगम द्वारा गत दिनों नंदलालपुरा मेनरोड पर एक मकान को तोड़ दिया था। इसके लिए पर्याप्त समय भी नहीं दिया गया था। कार्रवाइ्र में वकील सुरेश एकतारे का ऑफिस भी जमींदोज हो गया था। इस कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को जिला न्यायालय में वकीलों ने 2 घंटे तक काम बंद रखा।