सिहोरा/जबलपुर। गोसलपुर क्षेत्र के किवलारी (बरनू तिराहे) ग्राम में शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने पहुंचे राजस्व और पुलिस के अमले को स्थानीय लोगों का भारी विरोध का सामना करना पड़ा। अतिक्रमण हटाने के लिए जैसे ही जेसीबी मकान के पास पहुंची वैसे ही महिलाओं ने घर का दरवाजा बंद कर लिया और अंदर घर के कपड़ों में मिट्टी तेल डालकर आग लगा दी।
आग बुझाने के दौरान सिहोरा थाने के आरक्षक के हाथ भी जल गए। करीब तीन घंटे तक चले हंगामे के बाद राजस्व अमले और पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा। स्थानीय लोगों और अतिक्रमण करने वालों का कहना था कि उक्त जमीन आबादी में स्थित है प्रशासन सांठगांठ कर उन्हें यहां से बेदखल करना चाहता है, जबकि भूमि शासकीय मद में दर्ज है और करीब 50 सालों से उनका उस जमीन पर कब्जा है।
किवलारी गांव में तहसीलदार सिहोरा ललित ग्वालवंशी, एसडीओपी सिहोरा भावना मरावी, आर आई अनिल पांडे लखन पटेल, हल्का पटवारी बलराम परिहार, नीरज कुररिया के साथ सिहोरा, गोसलपुर, मझगवां, खितौला, मझौली थाने का पुलिस बल अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचा। हमले को देखते ही स्थानीय लोग भड़क गए और अतिक्रमण हटाने का विरोध प्रदर्शन करने लगे। स्थानीय लोगों का आरोप था कि बेदखली का आदेश पटवारी हल्का नंबर 85 का है, लेकिन तोड़फोड़ और अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई 85/1 में की जा रही है। राजस्व और पुलिस की कार्रवाई के विरोध में लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जिसको लेकर काफी देर तक तनाव की स्थिति बनी रही है। लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि आंवले के पास अतिक्रमण हटाने और बेदखली का कोई आदेश नहीं। जिन तीन परिवारों के घर तोड़ने की कार्रवाई चल रही है उनके पास पहले से ही पट्टा और उक्त भूमि ग्राम पंचायत के अधीन शासकीय मद में दर्ज है।
बंद किया दरवाजा और कपड़ों में डाल दिया मिट्टी का तेल
स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद पुलिस प्रशासन और राजस्व का अमला अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रोकने से पीछे नहीं हटा। प्रशासन द्वारा लाई गई जेसीबी जैसे ही मकान को तोड़ने के लिए आगे बढ़ी उसी दौरान सरिता पटेल ने खुद को कमरे में बंद कर लिया और घर में रखी गृहस्थी के सामान और कपड़ों में मिट्टी तेल डालकर आग दी। बाहर खड़ी महिला पुलिस बल दरवाजा खुलवाने की कोशिश करती रही लेकिन महिला नहीं मानी। दरवाजे पर जल्दी कपड़े को फेंकने के दौरान उसे बुझाने की कोशिश में सिहोरा थाने की आरक्षक प्रदीप पटेल का झुलस गया। करीब 3 घंटे तक हंगामे की स्थिति बनी रहे जिसके बाद आखिरकार राजस्व और पुलिस अमले को खाली हाथ लौटना पड़ा।
यह है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत टिकरिया के गांव किवलारी में पटवारी हल्का नंबर 25 तहसील सिहोरा की आबादी स्थित खसरा नंबर 81/1 आबादी में दर्ज है। उक्त भूमि पर तीन लोगों के मकान बने हुए हैं। जिन्हें काफी समय पहले शासन द्वारा पट्टे जारी किए गए। तहसीलदार न्यायालय सिहोरा ने 31 मार्च 2017 को जारी आदेश में पटवारी हल्का नंबर 85 के अतिक्रमण को को हटाने का आदेश जारी किया था। लेकिन अमला 81/1 में बने तीनों मकानों (राजेश पटेल,मोहम्मद कलीम और संभव जैन) को हटाने के लिए दोपहर 12 बजे के लगभग ग्राम कि वलारी पहुंचा था। जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।