जबलपुर। नगर निगम सदन की बजट बैठक 8वें दिन भी बेनतीजा रही। सुबह 11 बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक चली बैठक में न तो जनता से जुड़े किसी मुद्दे पर कोई ठोस निर्णय लिया गया और न ही बजट पास हो सका। लेकिन पिछले करीब साढ़े 4 साल से अधिकारियों की मनमानी झेलने वाले पक्ष-विपक्ष के पार्षदों के साथ ही महापौर से लेकर निगमाध्यक्ष की बेबसी जरूर सामने आ गई।
दरअसल, विपक्ष ने बैठक में अधिकारियों की गैर मौजूदगी पर हंगामा किया तो महापौर स्वाति गोडबोले भी अधिकारियों के रवैये पर बेबस दिखीं। महापौर ने कहा कि अधिकारी सुनते ही नहीं। बैठक में निगम कमिश्नर भी नहीं हैं। उन्होंने यह तक कह दिया कि बैठक में अब नहीं आऊंगी। आप लोग ही तय कर लें बजट कब पास करना है? जब बजट पास करना हो तो मुझे बता देना।
महापौर के इतना कहते ही नगर निगम अध्यक्ष सुमित्रा बाल्मीक का गुबार भी फूट पड़ा। निगमाध्यक्ष ने कहा अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर आसंदी से अब तक जो आदेश हुए उसका पालन नहीं किया गया। अधिकारियों का बचाव किया जाता रहा। उन्होंने नगर सत्ता पर सीधा हमला करते हुए कहा कि आपके 'मौन' ने ही सदन को 'लाचार' बना दिया है। आपके प्रश्रय से ही अधिकारी बेलगाम हो गए हैं। सदन का मखौल उड़ाया जा रहा है। यह आसंदी का नहीं यहां बैठे 79 पार्षदों का अपमान है। इसके बाद बैठक 20 जून तक के लिए स्थगित कर दी गई।
ई-नगर पालिका पर हंगामा
बैठक शुरू होते ही पार्षद संजय राठौड़ ने ई-नगर पालिका का मुद्दा उठाया था। कहा कि ई-नगर पालिका को जबलपुर में जबरन थोपा गया है। ई-नगर पालिका का सॉफ्टवेयर ऐसा है कि जनता के काम नहीं हो रहे। निगम को भी आर्थिक क्षति हो रही। इंदौर, भोपाल जैसे शहरों में यह लागू नहीं किया गया, लेकिन अधिकारियों के साथ मिलकर ई-नगर पालिका जबलपुर में थोप दी गई। नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर ने जवाब मांगा तो ई-नगर पालिका प्रभारी अंजू सिंह, नगर निगम कमिश्नर के न होने पर विपक्ष के पार्षद भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। सुबह से शाम तक कई बार इस मुद्दे पर चर्चा हुई।
आईटीएमएस से ई-चालान कैसे हो रहे
नेता प्रतिपक्ष ने स्मार्ट सिटी से आईटीएमएस (इंटेलीजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी कंपनी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से ई-चालान भेज रही है। जबकि स्मार्ट सिटी को ई-चालान भेजने का अधिकार ही नहीं है।
4 माह लेमा गार्डन में शिफ्ट होंगे विस्थापित
पक्ष, विपक्ष के पार्षदों ने तिलहरी के विस्थापितों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बारिश के मद्देनजर विस्थापितों को 4 माह के लिए लेमा गार्डन के पीएम आवास व अन्य सरकारी आवासों में आश्रय दिया जाए। सदन में सर्वसम्मति से यह निर्णय पारित किया गया कि विस्थापितों को बारिश के मद्देनजर लेमा गार्डन व अन्य सरकारी पीएम आवासों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए पार्षद केवल कृष्ण आहूजा और वार्ड पार्षद रिंकू विज को जिम्मेदारी सौंपी गई।
नए वार्डों की बदहाली पर गरजे विधायक
पनागर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुशील तिवारी इंदू और पाटन विधायक अजय विश्नोई भी नगर निगम सदन की बैठक में शामिल हुए। विधायक इंदू तिवारी ने साढ़े 4 साल बाद भी नए 9 वार्डों में विकास कार्य न कराए जाने पर नगर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि नए वार्डों के लिए बजट में 10-10 लाख का प्रावधान करने से कुछ नहीं होगा। नए वार्डों में न बिजली है न सड़क।
रानीताल वेलोड्रम बनाने में करेंगे सहयोग
विधायक अजय विश्नोई ने कहा कि पाटन विधानसभा क्षेत्र होने के कारण सीधे तौर पर तो मैं कुछ नहीं कर सकता। लेकिन जबलपुर के विकास के लिए शासन स्तर पर जरूर सहयोग करूंगा। उन्होंने कहा कि रानीताल स्टेडियम में वेलोड्रम बनाने का प्रस्ताव तैयार करें। शासन स्तर पर इसे स्वीकृत कर राशि उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे।