KAMAL NATH के सहयोगी और मिगलानी के एकाउंटेंट ने कई राज उगले | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। 1350 करोड़ रुपए के अवैध ट्रांसजेक्शन (ILLEGAL TRANSACTION) के मामले में CBI किसी भी समय अपनी जांच शुरू कर सकती है। DoPT ने CBI को जांच शुरू करने के लिए कहा है। सीबीआई को पर्याप्त दस्तावेज एवं साक्ष्य भी सौंप दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि आरके मिगलानी के एकाउंटेंट ललित कुमार चिलानी (LALIT KUMAR CHILANI ACCOUNTANT OF RK MIGLANI) और दिल्ली में कमलनाथ के सहयोगी विजयन दामोदरन (VIJAYAN DAMODRAN) के माध्यम से कई खुलासे हो चुके हैं। सीबीआई भी इन्हीं से अपनी जांच की शुरूआत कर सकती है। 

सूत्र बता रहे हैं कि ललित कुमार और विजयन दामोदरन ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया था कि पैसों को न केवल कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच बांटा गया था, बल्कि 20 करोड़ रुपये दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय भी हस्तांतरित किया गया था। सीबीआई इस बयान के मद्देनजर सभी पहलुओं की जांच कर सकती है।

बता दें, इस मामले में DoPT ने सीबीआई से आपराधिक जांच शुरू करने को कहा है। मई के पहले हफ्ते में चुनाव आयोग ने सीबीडीटी की रिपोर्ट को सीबीआई जांच के लिए डीओपीटी को भेज दिया था। इसके बाद माना जा रहा कि सीबीआई मामला दर्ज करके जांच शुरू कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि इसकी जांच सीबीआई की दिल्ली इकाई करेगी।

सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने इस पूरे मामले से जुड़े लोगों के व्हाट्सएप चैट और टेलीफोनिक बातचीत का डेटा ले लिया है। सीबीआई के निदेशक इस मामले से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हैं और उनसे मुलाकात कर चुके हैं।

क्या है मामला
कमलनाथ के करीबियों पर मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान बेहिसाब पैसों का अवैध ट्रांजेक्शन करने का आरोप है। इन पैसों को मध्य प्रदेश से दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय भेजा गया। इस मामले कमलनाथ के 5 सहयोगी जांच के दायरे में हैं। आयकर विभाग 7 अप्रैल को मध्य प्रदेश, नोएडा और दिल्ली के 52 ठिकानों पर छापेमारी कर चुका है। इस दौरान काफी कैश बरामद हुए थे।

आरोप है कि मध्य प्रदेश में सरकारी विभाग से कमलनाथ के सहयोगियों को पैसे देने के लिए कहा गया था, जिसे बाद में दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय भेज दिया गया और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के 11 उम्मीदवारों में भी यह पैसा बांटा गया। साथ ही दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय को 20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए।

सूत्रों के मुताबिक, विभागों से वसूले गए पैसों में से 370 करोड़ रुपये शेल कंपनियों के माध्यम से खपाए गए। फर्जी बिलिंग के माध्यम से 330 करोड़ रुपये हवाला के जरिए भेजे गए। जांच एजेंसी को 1350 करोड़ रुपये के ट्रांसजेक्शन की जानकारी मिली है। इस पूरे ट्रांसजेक्शन की सीबीआई जांच होगी।

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