भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ का फर्जी फोटो सामने आया है। यह फर्जी फोटो मुख्यमंत्री सचिवालय से अप्रूवल के बाद जनसंपर्क संचालनालय द्वारा जारी किया गया है। इस फोटो का उपयोग एक विज्ञापन में किया गया है। बता दें कि इससे पहले भी सीएम कमलनाथ के कुछ अजीब से फोटो सामने आए थे परंतु वो इतने फर्जी नहीं थे।
आंगनबाड़ियों का किराया नहीं दे रहे, विज्ञापन पर करोड़ों खर्च
सरकारी खजाना खाली है। कुपोषित बच्चों के लिए पोषण आहार, आंगनबाड़ियों का किराया और कर्मचारियों का वेतन बंट नहीं पा रहा है परंतु पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पदचिन्हों पर चल रहे सीएम कमलनाथ भी इन दिनों फोटो वाले विज्ञापनों पर मोटा पैसा खर्च करने लगे हैं। भोपाल के एक प्रतिष्ठित अखबार के पहले पेज पर फुलपेज विज्ञापन प्रकाशित कराया गया है। दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जयकिसान ऋण माफी योजना में किसानों को कर्जमाफी के प्रमाण पत्र वितरित किए।
मुख्यमंत्री शनिवार को तो अस्पताल में थे, प्रमाण पत्र कैसे वितरित कर दिए
बता दें कि मुख्यमंत्री के फोटो वाले विज्ञापन मुख्यमंत्री कार्यालय से अप्रूवल के बाद ही प्रकाशित होते हैं। तो जनसंपर्क संचालनालय के विज्ञापन क्रमांक D-16005/19 में दावा किया गया है कि 'मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जयकिसान ऋण माफी योजना में किसानों को कर्जमाफी के प्रमाण पत्र वितरित किए' विज्ञापन का औचित्य समझ नहीं आया। शनिवार को तो मुख्यमंत्री कमलनाथ अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हस्ताक्षर करने वाली उंगली में सर्जरी की जा रही थी। प्रमाण पत्र बांटने कब गए। यह विज्ञापन ना तो किसी योजना का प्रचार है, ना आयोजन की सूचना और ना ही आयोजन की सफलता के बाद जारी हुआ आभार। तो क्या सिर्फ संडे को कमलनाथ का फोटो छप जाए इसलिए विज्ञापन जारी किया।
होली और योग दिवस पर भी ऐसे ही फोटो जारी हुए थे
बता दें कि होली ओर योग दिवस के अवसर पर भी ऐसे ही फोटो जारी हुए थे। सीएम कमलनाथ अकेले होली खेल रहे थे। फोटो देखकर कोई भी कह सकता था कि यह होली ब्यूटीपार्लर ने उनके साथ खेली है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन सीएम हाउस में अकेले योग करते फोटो जारी हुआ था। भला दुनिया में ऐसा भी कोई नेता होगा जो सैंकड़ों की भीड़ और मीडिया की सुर्खियां छोड़कर अकेले कमरे में योगा करे और वो भी एसी में।
फोटो फर्जी है: फर्जीवाड़ा भी ठीक प्रकार से नहीं किया
अब इस विज्ञापन का सबसे बड़ा घोटाला पढ़िए। यह फोटो फर्जी है। जरा ध्यान से देखिए, फोटो एडिट किया गया है। ध्यान से देखिए, फोटो में एक तीसरा हाथ भी है। तो क्या तीन हाथ वाली महिला है या फिर कोई अदृश्य हाथ है जो कमलनाथ के कार्यक्रमों में उनकी मदद करता है। बैकग्राउंड देखिए। इस तरह के खेत मध्यप्रदेश में तो कतई नहीं हैं और हम विश्वासपूर्वक कह सकते हैं कि सीएम कमलनाथ ने आज तक कभी किसी किसान को उसके खेत पर जाकर प्रमाण पत्र नहीं दिया।
असली फोटो यह है, कुएं में भांग थी इसलिए गड़बड़ हुई
यह असली फोटो है। बैतूल में 28 फरवरी 2019 को कार्यक्रम हुआ था। इसमें से मुख्यमंत्री और महिला को काटकर निकालना था। यह काफी मुश्किल काम नहीं है और इस काम के लिए जितने पैसे सरकार देती है, उसमें तो और भी काफी कुछ किया जा सकता है परंतु कुएं में भांग पड़ी है ना। नियुक्ति में भांग, काम देने में भांग, काम की जांच करने में भांग। चक्कर है, घनचक्कर है इसलिए कमलनाथ संडे को मनोरंजन का केंद्र बन गए।