सीधी। जिस जिले प्रदेश में राष्ट्रनिर्माता की उपाधि से अलंकृत अध्यापक शिक्षक भूखे पेट जिले के कर्णधारों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा देते हुए 5 माह से अपने वेतन के लिए लार टपका रहे हों, उनके आश्रितों पर भूख, चिकित्सा का आभाव, बैंक लोन के भुगतान इत्यादि की समस्या सुरसा की तरह मुंह फैलाए खडी है किंतु कोई सुध लेने वाला नहीं। उक्त आरोप आजाद शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय तिवारी, जिलाध्यक्ष हरीश मिश्रा ने लगाते हुए कहा कि शिक्षा की गुणबत्ता बढाने तरह- तरह के औचित्यहीन प्रपंच रचकर कई बडे बजटों का खेल खुलेआम खेला जाता है और जब अध्यापको के वेतन के साथ- साथ स्वत्वों के भुगतान की बारी आती है तो बजट न होने का दुखडा रोते हैं।
प्रदेश उपाध्यक्ष विजय तिवारी एवं जिलाध्यक्ष हरीश मिश्रा ने कहा कि विभिन्न समस्याओं से ग्रसित अध्यापक शिक्षक जब विपरीत परिस्थतियों में भी प्रायवेट विद्यालयों की अपेक्षा बेहतर परीक्षा परिणाम लाते हैं तो उनका मनोबल बढाने के बजाय हताश करने के लिये ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर जिनका परिणाम 30% से कम है उनके विषय शिक्षकों की परीक्षा के नाम पर भी एक ओर जहां बजटों का खेल खेले जाने की तैयारी है वहीं अपनी करतूतों पर पर्दा डालने शिक्षकों की प्रतिष्ठा को नीलाम किए जाने का प्रयास जारी है। जबकि वास्तविकता यह है कि जिन विद्यालयों का परीक्षा परिणाम कमजोर है उन विद्यालयों में विषय शिक्षक नही थे, यदि थे भी तो ऊंची पहुंच की वजह से आज भी व्यवस्था अथवा अटैचमेंट के नाम पर मलाईदार कुर्सियों पर अफसरगीरी कर रहे हैं।
वास्तव में यदि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना है तो अध्यापक शिक्षक संवर्ग को समस्याओं से मुक्ति दिलाकर उहें तनावमुक्त रखने एवं शिक्षक अध्यापकों के अटैचमेंट व्यवस्था पूरी तरह से बंद करने से बेहतर कोई उपाय न होगा ।कहने को तो अध्यापक शिक्षक संवर्ग की समस्याओं के निराकरण के लिए उच्च स्तर से आदेश निर्देश जारी होते हैं लेकिन जिले स्तर तथा आहरण संवितरण अधिकारी स्तर पर पहुंचने तक कुछ को छोंड उन आदेशों की हवा निकल जाती हैं चाहे वह समय पर वेतन , डीए एरियर , छठवे वेतनमान का एरियर , कई वर्षों से लंबित क्रमोन्नति आदेश , एन पी एस कटौती की पासबुक का निर्धारण , शैक्षणिक योग्यता बढाने अनुमति के साथ ही अध्यापक शिक्षक संवर्ग के हितार्थ अन्य और भी आदेश हों।
आजाद शिक्षक संघ ने जिले के दौरे पर आ रहे प्रभारीमंत्री से जिले के अध्यापकों शिक्षकों की उपरोक्त समस्याओं के त्वरित निराकरण के निर्देश संबंधित अधिकारियों को देने गुहार लगाई है और कहा है कि जिले में ऐसे हालात नही बनने चाहिए कि शिक्षक सड़कों पर उतरकर सरकार या कुंभकर्णी निद्रा में सोए अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन करने विवश हों इससे सरकार की जो किरकिरी होगी उसके जिम्मेदार सरकार स्वयं होगी। वेतन भुगतान न होने सहित सभी समस्याओं का निराकरण शीघ्र नही हुआ तो आजाद शिक्षक संघ प्रांताध्यक्ष भरत पटेल के नेतृत्व में जिले में धरना प्रदर्शन करने अपनी रणनीति बनाएगा।