जबलपुर। सौ रुपए प्रतिमाह बिजली बिल (electricity bill) वाली इंदिरा गृह ज्योति योजना (Indira Ghar Jyoti Yojana) का लाभ (PROFIT) लेने के लिए उपभोक्ताओं (Consumers) को अब अपना बिजली खर्च भी 100 यूनिट तक सीमित रखना होगा। इससे ज्यादा बिजली खर्च करने पर सामान्य उपभोक्ता की तरह बिल की पूरी राशि चुकानी होगी। ऊर्जा विभाग ने आदेश जारी कर योजना के नियमों में बदलाव कर दिया है। सभी विद्युत वितरण कंपनियों को निर्देशित किया गया है कि नए बिल अब नए नियमों के हिसाब से ही तैयार किए जाएं।
प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार ने 200 रुपए में बिजली देने की सरल बिल योजना लागू की थी। फरवरी में नई सरकार ने इंदिरा गृह ज्योति योजना लागू करते हुए बिल की राशि 100 रुपए प्रतिमाह कर दी थी। योजना सामान्य तौर पर पंजीकृत मजदूरों और निम्न वर्ग के कामगारों के लिए लागू की गई थी। सरकार ने 100 रुपए प्रतिमाह बिल योजना में बिजली खर्च की कोई सीमा निर्धारित नहीं की थी। पुरानी और नई सरकार के काल में हुए पंजीयन के बाद इंदौर की पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत 15 जिलों में कुल करीब 21 लाख लोग इस योजना में पंजीकृत होकर लाभ ले रहे हैं।
इंदौर जिले में करीब सवा दो लाख विद्युत उपभोक्ता ऐसे हैं जिन्होंने अपना पंजीयन इंदिरा गृह ज्योति योजना के अंतर्गत श्रमिक के तौर पर करवाया हुआ है। इंदौर शहर में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या करीब एक लाख पांच हजार है। बीते दिनों ऊर्जा विभाग ने योजना के तहत पंजीकृत सभी उपभोक्ताओं के बिलिंग पैटर्न की जानकारी मांगी थी। पता चला था कि योजना में पंजीकृत आधे से ज्यादा उपभोक्ताओं का बिजली का खर्च 200 यूनिट से भी ज्यादा है। आम घरेलू उपयोग के लिए दी जा रही सस्ती बिजली का तमाम उपभोक्ता अपव्यय भी कर रहे हैं।
बिजली कंपनी ने रिपोर्ट दी थी कि बिजली के इस अपव्यय से बिजली कंपनी के फीडरों पर भी लोड बढ़ रहा है। बिल की चिंता नहीं रहने से तमाम उपभोक्ता बिजली बर्बाद कर रहे हैं। इसी के चलते शहर में भी बिजली की डिमांड भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची है और समस्याएं भी पैदा हो रही हैं। ट्रांसफॉर्मर-केबल जल रहे हैं और ट्रिपिंग होने से तमाम उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। रिपोर्ट में सुझाया गया था कि बिजली का अपव्यय रुकेगा तो न केवल सरकार और कंपनी पर बोझ कम होगा बल्कि बिजली नेटवर्क की समस्या भी घटेगी। इसके बाद ऊर्जा विभाग ने ताजा आदेश जारी कर दिया।