भोपाल। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (Economic Offences Wing) के नोटिस को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। ना तो माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (एमसीयू) में पूर्व कुलपति प्रो. बीके कुठियाला बयान आए और ना ही आरएसएस के पदाधिकारी डाॅ. राकेश सिन्हा समेत शेष 6 कर्मचारी ही उपस्थित हुए। अब EOW टीम खुद हरियाणा जाएगी और प्रो. बीके कुठियाला के बयान दर्ज करने की कोशिश करेगी।
ईओडब्ल्यू ने शासन की इंटरनल इन्क्वायरी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पूर्व कुलपति प्रो. बीके कुठियाला समेत 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। प्रो. कुठियाला के ऊपर आरोप है कि कुलपति रहते आर्थिक अनियमितता करने सहित टीचिंग व टीचिंग पदों पर मनमर्जी से बड़ी संख्या में भर्ती की गई हैं। इन्होंने न सिर्फ आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों व उनसे जुड़े लोगों को उपकृत किया, बल्कि व्यक्तिगत रूप से लाभ लेने के लिए विवि का पैसा खर्च किया। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने आरएसएस की वैचारिक शाखा के प्रमुख डाॅ. राकेश सिन्हा, असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. रंजन सिंह, सुरेंद्र पाल, रजनी नागपाल, वित्त अधिकारी रिंकी जैन और भगवतशरण माथुर को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए तलब किया था।
डाॅ. सिन्हा राजनीति विज्ञान के एसोसिएट थे। विवि में राजनीति विज्ञान के एसोसिएट का पद नहीं था इसके बाद भी उन्हें नोएडा स्थित ऑफिस में छह महीने के लिए विभिन्न प्रकाशनों से संबंधित अन्य क्रियाकलाप के पद पर नियुक्ति दी गई थी। डा. रंजन सिंह, सुरेंद्र पाल और रजनी नागपाल की संविदा में नियुक्ति हुई थी, लेकिन बाद में उन्हें नियम विरुद्ध असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया गया था। रिंकी जैन पर प्रो. कुठियाला द्वारा की जा रहीं आर्थिक अनियमितताओं को छुपाने का आरोप है। जबकि भगवत शरण अमरकंटक परिसर में बिजली बिल जमा करने जाता था। इन सभी लोगों से ईओडब्ल्यू को नियुक्तियों के संबंध में पूछताछ करनी है। जिन्हें नोटिस भेजकर तलब किया गया था। MCU SCAM से जुड़ीं अन्य खबरों के लिए कृपया यहां क्लिक करें
ईओडब्ल्यू ने शासन की इंटरनल इन्क्वायरी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर पूर्व कुलपति प्रो. बीके कुठियाला समेत 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। प्रो. कुठियाला के ऊपर आरोप है कि कुलपति रहते आर्थिक अनियमितता करने सहित टीचिंग व टीचिंग पदों पर मनमर्जी से बड़ी संख्या में भर्ती की गई हैं। इन्होंने न सिर्फ आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों व उनसे जुड़े लोगों को उपकृत किया, बल्कि व्यक्तिगत रूप से लाभ लेने के लिए विवि का पैसा खर्च किया। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने आरएसएस की वैचारिक शाखा के प्रमुख डाॅ. राकेश सिन्हा, असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. रंजन सिंह, सुरेंद्र पाल, रजनी नागपाल, वित्त अधिकारी रिंकी जैन और भगवतशरण माथुर को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए तलब किया था।
डाॅ. सिन्हा राजनीति विज्ञान के एसोसिएट थे। विवि में राजनीति विज्ञान के एसोसिएट का पद नहीं था इसके बाद भी उन्हें नोएडा स्थित ऑफिस में छह महीने के लिए विभिन्न प्रकाशनों से संबंधित अन्य क्रियाकलाप के पद पर नियुक्ति दी गई थी। डा. रंजन सिंह, सुरेंद्र पाल और रजनी नागपाल की संविदा में नियुक्ति हुई थी, लेकिन बाद में उन्हें नियम विरुद्ध असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया गया था। रिंकी जैन पर प्रो. कुठियाला द्वारा की जा रहीं आर्थिक अनियमितताओं को छुपाने का आरोप है। जबकि भगवत शरण अमरकंटक परिसर में बिजली बिल जमा करने जाता था। इन सभी लोगों से ईओडब्ल्यू को नियुक्तियों के संबंध में पूछताछ करनी है। जिन्हें नोटिस भेजकर तलब किया गया था। MCU SCAM से जुड़ीं अन्य खबरों के लिए कृपया यहां क्लिक करें