भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में पूर्व कुलपति प्रो. बीके कुठियाला के कार्यकाल में हुई नियुक्ति और आर्थिक अनियमितताओं के मामले में ईओडब्ल्यू ने आरएसएस के पदाधिकारी डाॅ. राकेश सिन्हा समेत यूनिवर्सिटी के 6 लोगों को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए तलब किया है। उन्हें चार दिन में जांच एजेंसी के समझ उपस्थित होना है।
ईओडब्ल्यू को अब तक प्रो. कुठियाला द्वारा भेजे गए मेडिकल सर्टिफिकेट की जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। ईओडब्ल्यू ने शासन की इंटरनल इन्क्वायरी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर प्रो. कुठियाला समेत 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। प्रो. कुठियाला के ऊपर आरोप है कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति रहते आर्थिक अनियमितता करने सहित टीचिंग व टीचिंग पदों पर मनमर्जी से बड़ी संख्या में भर्ती की गई हैं।
इन्होंने न सिर्फ आरएसएस से जुड़े विभिन्न संगठनों व उनसे जुड़े लोगों को उपकृत किया, बल्कि व्यक्तिगत रूप से लाभ लेने के लिए विवि का पैसा खर्च किया। मामले में ईओडब्ल्यू ने आरएसएस की वैचारिक शाखा के प्रमुख डाॅ. राकेश सिन्हा, असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. रंजन सिंह, सुरेंद्र पाॅल, रजनी नागपाल, वित्त अधिकारी रिंकी जैन और भगवतशरण माथुर को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए तलब किया है।
ई-टेंडर घोटाला : निज सचिव से पूछताछ
ई-टेंडर घोटाले में जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू ने पूर्व जल संसाधन विकास मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पूर्व निज सचिव वीरेंद्र पांडे और निर्मल अवस्थी से दूसरे दिन भी डब्ल्यूआरडी के दो टेंडरों में हुई छेड़छाड़ के संबंध में पूछताछ की। दोनों की गुजरात की सोरठिया वेल जी रत्ना कंपनी को डब्ल्यूआरडी के दो टेंडर दिलाने में संदिग्ध भूमिका है।
माइल स्टोन कंपनी के संचालक मनीष खरे से हुई पूछताछ में दोनों के नाम सामने आए थे। ईओडब्ल्यू को पूछताछ में दोनों से महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। डब्ल्यूआरडी के दो टेंडरों की कीमत 116 करोड़ थी। सोरठिया वेल जी ने टेंडर वेल्यू 116 करोड़ रुपए भरी थी। लेकिन आस्मो कंपनी से सांठगांठ करके इसे 105 करोड़ रुपए किया गया था।