भोपाल। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस) को 10 प्रतिशत आरक्षण की मंजूरी दी गई। आरक्षण का लाभ उन लोगों को मिलेगा, जिनकी सभी स्त्रोतों से आय 8 लाख सालाना से ज्यादा नहीं हो, उनके स्वामित्व में 5 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि ना हो (इसमें उसर, बंजर, बीहड़ और पथरीली जमीन शामिल नहीं है), नगर निगम क्षेत्र में 1200 वर्ग फीट मकान/फ्लैट से ज्यादा आकार का आवास न हो, नगर पालिका क्षेत्र में 1500 वर्ग फीट मकान/फ्लैट और नगर पंचायत क्षेत्र में 1800 वर्ग फीट मकान/फ्लैट से ज्यादा आकार का आवास न हो, को आरक्षण का लाभ मिल सकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में कोई सीमा निर्धारितनहीं की गई है।
मप्र में बार लायसेंस व्यवस्था का सरलीकरण
मंत्रि-परिषद द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होटल बार लायसेंस व्यवस्था में संशोधन किया गया है। इसके तहत एक से अधिक तल पर रेस्तरां बार संचालित करने की अनुमति के लिए प्रत्येक अतिरिक्त बार के लिए 10 प्रतिशत अधिक लायसेंस फीस ली जाएगी। नवीन होटल बार लायसेंस के लिए होटल में कम से कम 25 कमरे होने का प्रावधान किया गया है। बार लायसेंस के लिए मदिरा की निर्धारित धारण क्षमता में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई।
मंत्रि-परिषद द्वारा रिसोर्ट बार (एफ.एल.3क) लायसेंस के लिए निर्धारित मापदण्डों में संशोधन एवं वन्य पर्यटन क्षेत्रों के अतिरिक्त अन्य पर्यटन क्षेत्रों में लायसेंस स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया। होटल बार (एफ.एल.3) रिसोर्ट बार (एफ.एल.3क), सिविलियन क्लब बार (एफ.एल.4) और व्यवसायी क्लब(एफ.एल.4ए) लायसेंसी को 15 प्रतिशत अतिरिक्त राशि जमा कराकर परिसर में अन्यत्र मदिरा की सुविधा उपलब्ध कराये जाने की अनुमति प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त, विशिष्ट श्रेणी के होटलों के समान होटल बार एवं क्लब लायसेंस को विदेशी मदिरा भण्डागार से मदिरा प्रदाय की सुविधा की स्वीकृति दी गई। साथ ही समुचित राजस्व सुनिशिचत करने के लिए बार लायसेंसों के लिए वेट एवं जीएसटी के अन्तर्गत पंजीकृत होने की शर्त एवं उसकी देयता अनिवार्य होगी।
भोपाल/इन्दौर मेट्रो रेल के लिए त्रिपक्षीय करार
मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल एवं इन्दौर मेट्रो रेल के लिए केन्द्र शासन, राज्य शासन एवं मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कम्पनी लिमिटेड के बीच त्रिपक्षीय करार (एमओयू) किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य शासन की ओर से मुख्य सचिव तथा मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर को करार किये जाने के लिए अधिकृत किया गया।
मंत्रि-परिषद द्वारा वाणिज्यिक कर विभाग के अन्तर्गत सूचना एवं प्रौद्योगिकी योजना की निरंतरता वर्ष 2019-20 के लिए 41.65 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई।