प्राइमरी के मास्टर मिडिल स्कूल से हटाए जाएंगे | MP EDUCATION DEPARTMENT NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्यप्रदेश के तमाम मिडिल स्कूलों में पढ़ा रहे प्राइमरी के मास्टर यानी सहायक शिक्षक व सहायक अध्यापक अब यथास्थान नियमित सेवाएं नहीं दे पाएंगे। उन्हें मिडिल से हटाकर प्राइमरी स्कूल में भेजा जाएगा। इनसे केवल प्राइमरी स्तर पर ही अध्यापन कार्य करवाया जाएगा। 

बताया जा रहा है यह निर्णय शिक्षा का अधिकार कानून को ध्यान में रखकर लिया गया है। आरटीई नियमों के अनुसार इन कक्षाओं में पढ़ाने की पात्रता सहायक शिक्षक नहीं रखते है। सहायक शिक्षकों को केवल (पहली से पांचवी कक्षा) पढ़ाने की पात्रता है। चाहे वे उच्च योग्यताधारी ही क्यों न हो? आरटीई के प्रावधान के मुताबिक मिडिल स्कूलों में विषयवार शिक्षकों का पदाकंन किया जाएगा। 

इसकी शुरूआत प्रदेश के भोपाल और रतलाम जिले से की गई है। कागजों में तो इसे बीते साल ही लागू कर दिया गया था, लेकिन अमल में इस सत्र से लाया जाएगा। इससे प्राइमरी और मिडिल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को लाभ होगा। अभी भोपाल में यूडीटी, अध्यापक, सहायक अध्यापक और सहायक शिक्षक समेत करीब 5300 टीचर हैं। इनसे काेई भी कक्षा में पढ़वाया जा रहा था। 

नियम अनुसार काम लेंगे 
स्कूलों में व्यवस्थाएं बिगड़ी हुई थी। किसी से कुछ भी काम लिया जा रहा था। हमने मंत्री बनते ही इस बारे में तत्काल निर्णय करने के लिए अफसरों से रिपोर्ट बनाने को कहा। जब फीडबैक आया कि आरटीई के नियमों में स्पष्ट लिखा है कि किस शिक्षक से कौन सी कक्षा पढ़वानी है। हमने तत्काल आरटीई के अनुसार व्यवस्था लागू करने को कहा है। अभी भोपाल और रतलाम से इसकी शुरूआत होगी, इसके बाद अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा। 
प्रभुराम चौधरी, मंत्री, स्कूल शिक्षा विभाग 

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