ग्वालियर। मध्यप्रदेश शासन द्वारा राज्य शासन के शासकीय सेवकों के लिए वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 तथा समसंख्यक परिपत्र क्रमांक 22 जुलाई 2017 द्वारा वेतन निर्धारण संबंधी जारी निर्देश में विकल्प प्रस्तुत करने की समय सीमा एक माह तथा शासकीय सेवक द्वारा एक बार दिया गया विकल्प अंतिम माना गया था। राज्य शासन द्वारा उपयुक्त विकल्प ना कर पाने वाले कर्मचारियों को हो रहे वेतन में नुकसान को देखते हुए विकल्प प्रस्तुत करने की अंतिम सीमा 31 जुलाई 2019 निर्धारित की गई है जो कि कर्मचारियों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय है।
मध्यप्रदेश शासन वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक सॉफ्टवेयर के माध्यम से शासकीय सेवक द्वारा विकल्प प्रस्तुत किये जाने की प्रक्रिया का प्रथम अवसर होने कारण उत्पन्न व्यावहारिक कठिनाईयों को दृष्टिगत रखते हुए उपर्युक्त समय सीमा तथा एक अवसर की सीमा को वित्त विभाग के परिपत्र दिनांक 2-11-2017 से दिनांक 30-11-2017 तक तथा परिपत्र दिनांक 22-2-2018 से 31 मार्च 2018 तक बढ़ाते हुए विकल्प प्रस्तुत करने के अवसर दिये गये थे।
शासन के संज्ञान में आया है कि कतिपय शासकीय सेवकों द्वारा उपयुक्त विकल्प तत्समय नहीं दिया जा सकने अथवा दिये गए विकल्प के अनुसार आई.एफ.एम.आई.एस माड्यल में प्रविष्टि में त्रृटि हो जाने के परिणामस्वरूप शासकीय सेवक को वेतन में निरंतर एवं दीर्घकालिन हानी की स्थिति बनी है।
अत: शासन द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए निर्णय लिया गया है कि शासकीय सेवक द्वारा पूर्व में दिये विकल्प को संशोधित, नवीन विकल्प प्रस्तुत करने का एक ओर अवसर दिया जाए। संशोधित, नवीन विकल्प प्रस्तुत करने की अंतिम समय सीमा दिनांक 31 जुलाई 2019 निर्धारित की गई है।
पदोन्नत, समयमान वेतनमान प्राप्त करने वाले शासकीय सेवकों को पदोन्नति, समयमान वेतनमान में वेतन निर्धारण के मामलों में पदोन्नति, समयमान वेतनमान प्राप्त होने के दिनांक के एक माह के भीतर विकल्प प्रस्तुत करने की अनुमति होगी।