भोपाल। समग्र शिक्षक संघ ने सरकार के उस फैसले का विरोध किया है जिसमें तय किया गया है कि प्राइमरी के शिक्षकों को मिडिल स्कूल से हटाकर वापस प्राइमरी में भेजा जाएगा। सुरेशचन्द्र दुबे, प्रदेशाध्यक्ष, समग्र शिक्षक संघ ने कहा है कि पुराने योग्यताधारी सहायक शिक्षकों के पद अपग्रेड करने के स्थान पर सरकार सहायक शिक्षकों को RTE के नाम पर मिडिल स्कूलों से हटा रही है ये निर्णय तुगलकी है। सरकार निर्णय वापस लेकर शिक्षकों पद अपग्रेड करे, अन्यथा प्रदेश के शिक्षक चुप नहीं बैठेंगे!
नियम अनुसार काम लेंगे: शिक्षा मंत्री
प्रभुराम चौधरी, मंत्री, स्कूल शिक्षा विभाग का कहना है कि स्कूलों में व्यवस्थाएं बिगड़ी हुई थी। किसी से कुछ भी काम लिया जा रहा था। हमने मंत्री बनते ही इस बारे में तत्काल निर्णय करने के लिए अफसरों से रिपोर्ट बनाने को कहा। जब फीडबैक आया कि आरटीई के नियमों में स्पष्ट लिखा है कि किस शिक्षक से कौन सी कक्षा पढ़वानी है। हमने तत्काल आरटीई के अनुसार व्यवस्था लागू करने को कहा है। अभी भोपाल और रतलाम से इसकी शुरूआत होगी, इसके बाद अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जाएगा।
मामला क्या है
मध्यप्रदेश के तमाम माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे प्राइमरी के मास्टर यानी सहायक शिक्षक व सहायक अध्यापक अब यथास्थान नियमित सेवाएं नहीं दे पाएंगे। उन्हें मिडिल से हटाकर प्राइमरी स्कूल में भेजा जाएगा। इनसे केवल प्राइमरी स्तर पर ही अध्यापन कार्य करवाया जाएगा। यह निर्णय शिक्षा का अधिकार कानून को ध्यान में रखकर लिया गया है। आरटीई नियमों के अनुसार इन कक्षाओं में पढ़ाने की पात्रता सहायक शिक्षक नहीं रखते है। सहायक शिक्षकों को केवल (पहली से पांचवी कक्षा) पढ़ाने की पात्रता है। चाहे वे उच्च योग्यताधारी ही क्यों न हो? आरटीई के प्रावधान के मुताबिक मिडिल स्कूलों में विषयवार शिक्षकों का पदाकंन किया जाएगा। इसकी शुरूआत प्रदेश के भोपाल और रतलाम जिले से की गई है। अभी भोपाल में यूडीटी, अध्यापक, सहायक अध्यापक और सहायक शिक्षक समेत करीब 5300 टीचर हैं।