भोपाल। मध्य प्रदेश कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ के अंतर्गत जिला/जनपदों के कंप्यूटर आपरेटर भी लामबंद होकर अपने अधिकारों को पाने हेतु आवाज बुलंद की है। ज्ञात हो कि जिला/जनपद के आपरेटरों को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग हर 3 माह एक रिचार्ज कूपन की तरहः रिचार्ज किया जाता है जो कि कतई मानवीय नही कहा जा सकता है।
बीते वर्षों में ACS श्री जुलानिया ने जिला/जनपदों में कार्य कर रहे अस्थाई कंप्यूटर आपरेटरों के पक्ष में कार्यवाही शुरू की थी लेकिन इसके बाद उनका ट्रांसफर करके उन्हें अन्य विभाग की जिम्मेदारी सौपी गई। तब से लेकर आज दिनाँक तक विभाग कंप्यूटर आपरेटरों का मात्र रिचार्ज करने में मात्र लगा हुआ है। जबकि जिला/जनपदों में हकीकत ये है कि कंप्यूटर ऑपरेटर सुबह ऑफिस खोलने से लेकर देर रात तक शासन की समस्त योजनाओं का संचालन करता है। और तो और अनेको बार पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग प्रत्येक मामले में सम्पूर्ण भारत मे प्रथम आता रहा है। इसका सारा श्रेय अधिकारी या स्थाई कर्मचारी ले जाते है।
योजनाओं के क्रियान्वयन में कर्मचारियों द्वारा डाटा गलत दिए जाने पर कार्यवाही कंप्यूटर आपरेटरों पर होती है, स्थाई कर्मचारी/अधिकारी अपना पल्ला झाड़ कर सारा दारोमदार कंप्यूटर आपरेटरों पर डाल देते है। शासन को स्पष्ट संदेश है कि अगर हम कंप्यूटर आपरेटरों पर सारा दारोमदार है तो शासन हमे स्थाई करे और हमारे साथ न्याय करे। अन्यथा अब शोषण बर्दाश्त नही किया जा सकता।
मध्य प्रदेश कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ जिला/जनपद के आपरेटरों के साथ मजबूती से खड़ा है तथा कंप्यूटर आपरेटरों के भविष्य को सुरक्षित नही किया गया तो विरोध स्वरूप अनिश्चित कालीन हड़ताल से लेकर आमरण अनशन तक किया जा सकता है। चेतावनी के रूप में 17/06/2019 से दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल की जा रही है। इसके बाद भी अगर कंप्यूटर आपरेटरों के भविष्य के संबंध में स्थाई हल नही किया गया तो अनिश्चित कालीन हड़ताल की जावेगी।
विदित हो कि लोकसभा चुनाव के बाद अब लोकल स्तर के चुनाव होने को है। जिसमे अधिकांश कार्य कंप्यूटर आपरेटरों के द्वारा किया जाता है। अब देखना है कि सरकार इन अस्थाई कर्मचारियों को अपने पक्ष में रखते हुए कार्यवाही करता है या कर्मचारियों को वीरोध में रखकर लोकल स्तर के चुनाव सम्पन्न कराएंगे।