भोपाल। मध्य प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों एवं शासकीय-निजी कॉलेजों के परिसर में पीपल और बरगद के पौधरोपण का निर्देश जारी किया है। इस अनूठी मुहिम को लेकर उनका तर्क है कि पीपल के वृक्ष 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं अत: शैक्षणिक परिसरों में इनकी संख्या ज्यादा से ज्यादा होना चाहिए।
शैक्षणिक संस्थानों से उनके परिसर में मौजूद पीपल के वृक्षों की संख्या भी पूछी गई है। उन्होंने कहा है कि मानसून के दौरान प्रदेश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में एक दिन समारोहपूर्वक पौधे रोपे जाएंगे, उनका संरक्षण भी सुनिश्चित करेंगे। मप्र में बिगड़ रहे पर्यावरण, सूखती नदियां-तालाब और 48-49 डिग्री तक पहुंच रहे तापमान पर भी उन्होंने चिंता जताई है।
राज्यपाल ने कहा कि मध्य प्रदेश में कम हो रही हरियाली और तेजी से कट रहे जंगलों के चलते भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है जिससे जमीन तप रही है। प्रदेश में पौधे रोपने पर तो करोड़ों रुपए खर्च होते हैं लेकिन उनके संवर्धन-संरक्षण की चिंता नहीं की जाती इसलिए यह समस्या विकराल होती जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि 5 जून को पर्यावरण दिवस पर रस्म अदायगी और एक दिन की प्रतीकात्मक चिंता से हल नहीं निकलने वाला, हमें साल भर जमीनी स्तर पर गंभीरता से प्रयास करने होंगे।
पीपल रोपें और राजभवन को जानकारी दें
कुलाधिपति ने मप्र के सभी विश्वविद्यालयों में कुलपतियों को पत्र भेजकर निर्देश जारी किए हैं कि उनके विवि परिसर और क्षेत्राधिकार के सभी शासकीय व निजी कॉलेज परिसरों में मौजूद पीपल के वृक्षों की जानकारी भेजें। साथ ही खाली पड़ी जगह पर पीपल के नए पौधे रोपने का कार्यक्रम सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक एकड़ क्षेत्रफल में पीपल के न्यूनतम 20 तथा अधिकतम 40 वृक्ष लगाए जा सकते हैं इसलिए सभी विवि-कॉलेज परिसरों में ज्यादा से ज्यादा पीपल के पौधे रोपें, राजभवन को जानकारी दें और उनका संरक्षण भी सुनिश्चित किया जाए। राज्यपाल ने बरगद के पौधों को लगाने पर भी जोर दिया है।
राज्यपाल ने ये प्रमुख बातें भी कहीं
पीपल- बरगद रोपने का उद्देश्य- निजी विश्वविद्यालय आयोग की बैठक में मैंने विशेषज्ञों से पूछा कि ऐसे कौन से वृक्ष हैं जो ज्यादा ऑक्सीजन उत्सर्जित करते हैं। इस पर सभी ने पीपल का नाम लिया। विवि-कॉलेजों के वातावरण में ज्यादा प्राणवायु और सकारात्मक ऊर्जा रहे इसलिए मैंने यह निर्देश भेजे हैं।
पौधे कहां से आएंगे, उनका संरक्षण : इसके लिए मैंने वन विभाग और नर्सरी को पौधे तैयार करने को कहा है। रही बात संरक्षण की तो अधिकारीकर्मचारियों को पौधों की सुरक्षा सौंपेंगे, पौधों की परवरिश बच्चों की तरह करना होगी।
पशु-पक्षियों के बारे में भी सर्वे
मध्य प्रदेश में यह जरूरी है, मैंने अभी राजभवन के सभी पेड़-पौधों और पक्षियों की जानकारी जुटाई है। यहां की जैव-विविधता और जैव संपदा का डाटा भी एकत्र कराया है। यहां 200 से ज्यादा वनस्पतियां, 40 प्रकार के पक्षी और 20 तरह की रंग-बिरंगी तितलियां भी हैं।